राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने बुधवार को नागालैंड सरकार को अपना समर्थन देने का फैसला किया। हालांकि, घोषणा करते समय उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि एनसीपी सरकार का हिस्सा होगी या केवल बाहर से सरकार का समर्थन करेगी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, नागालैंड एनसीपी प्रमुख नरेंद्र वर्मा ने कहा कि अन्य सभी राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन पत्र सीएम नेफ्यू रियो को सौंप दिया है, इसलिए हमारे 7 विधायक अलग-थलग नहीं रह सकते हैं।
शरद पवार की एनसीपी के द्वारा भले ही नागालैंड में यह सियासी कदम उठाया गया है, लेकिन महाराष्ट्र तक कयास लगने लगे हैं। यहां एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट का गठबंधन है। महाविकास अगाड़ी की सरकार जाने के बाद तीनों दलों के संबंध पटरी पर नहीं हैं।
एक बैठक में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में जीते एनसीपी के 7 विधायकों ने सरकार का समर्थन करने की राय दी थी। एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वोत्तर प्रभारी नरेंद्र वर्मा ने कहा कि एनसीपी नागालैंड विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद के लिए एक प्रस्ताव पेश करने पर विचार कर रही थी। एनसीपी विधायक दल की पहली बैठक 4 मार्च को कोहिमा में हुई थी।
नागालैंड एनसीपी प्रमुख नरेंद्र वर्मा ने बताया, “मैंने हाईकमान से अनुमति मांगी और पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने अन्य राजनीतिक दलों के साथ जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।” बुधवार को एनसीपी पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने फैसला किया कि उनकी पार्टी नागालैंड में विपक्ष की भूमिका नहीं निभाएगी और वह राज्य में मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के नेतृत्व को स्वीकार करती है। आपको बता दें कि नागालैंड में बीजेपी और एनडीपीपी का गठबंधन है।