कानपुर देहात। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम उन्नीस सौ बहत्तर की धारा इक्यावन (क) से किसी भी जीव की हत्या या क्षतिकारित करना अथवा उसके शरीर का कोई अंग ले जाना, मोर पंख को छोड़कर 25 हजार रुपये जुर्माना और सात साल जेल से दण्डनीय अपराध है। उक्त बात नेपाल देश से गाँधी पर्यावरण योद्धा सम्मान प्राप्त शान्या ने मण्डी समिति रूरा के सामने अकबरपुर रूरा मार्ग पर पक्षी पंचायत की प्रदर्शनी लगाते हुए कही।
शीत लहर की प्रातः कालीन बेला में लगाई गई प्रदर्शनी और शान्या के ममस्पर्शी पक्षी प्रेम को देख कर राहगीर मुक्त कंठ से सराहना करते दिखे। शान्या के भाई शिवम ने राहगीरों को जागरूक करते हुए कहा कि पक्षी पर्यावरण के प्रमुख अंग हैं। इनके हक़ में हम सबको आवाज उठाने की वर्तमान में महती आवश्यकता है।
किसी भी गम्भीर रूप से घायल वन्य पक्षी के असहनीय पीड़ा पर उसे जीवन से मुक्ति का आदेश विधि स्थापित विधिक प्रक्रिया के तहत सक्षम वनाधिकारी ही कदाचार से बचते हुए ही दे सकता है। आम नागरिक किसी भी पक्षी को न ही पिंजरे में बन्द कर सकता है और न ही शिकार का कर सकता है। इस अवसर पर अशोक कुमार कमल, रीतिका गुप्ता, मायावती देवी, शिखा सिंह, अर्चना आदि ने पक्षियों के हित में आवाज उठाने की बात कही।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर