नई दिल्ली। नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक को चूना लगाने के साथ और भी बड़े प्लान की तैयारी में था। लेकिन उसकी आगे की कोशिश फेल हो गई और आईपीओ न लाने से पीएनबी के बड़े घोटाले की पोल के साथ ही उसके सारे कारनामों की परतें खुलनी शुरू हो गई और वह बेनकाब हो गया।
- अगर वह कामयाब होता तो 11 हजार करोड़ का घोटाला करता।
जनता के पैसों पर नहीं कर सका हाथ साफ
नीरव मोदी का प्लान फेल होने से सिर्फ बैंक को नुकसान हुआ। लेकिन अगर वह आईपीओ लाने के साथ अपने प्लान में कामयाब हो जाता तो जनता के पैसे भी उसकी जेब में होते। उसकी फ्लैगशिप एंटरप्राइज फायरस्टार इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड ने दिसंबर 2017 में आईपीओ के लिए शेयरहोल्डर्स की मंजूरी मांगी थी और कंपनी का नाम बदलने का प्रस्ताव भी दिया गया था।
- नीरव मोदी अपनी कंपनी का 1000 करोड़ का आईपीओ लाने वाला था।
- अगर नीरव दिसंबर में आईपीओ लाता तो शेयर बाजार भी उसके इस जाल में फंस जाता।
- बैंक के साथ नीरव मोदी निवेशकों के पैसे भी ले जाता।
- निवेशकों को हजारों करोड़ का नुकसान उठाना पड़ता।
- बैंक घोटाला खुलने के बाद से ही पीएनबी के शेयरों में लगातार गिरावट जारी है।
- मोदी सरकार ने उसे भारत लाने के लिए जाल बिछाया है।