भारत दुनिया का सबसे विशाल लोकतांत्रिक देश है। इतनी विविधताएं किसी अन्य देश में नहीं है। फिर भी भारत में लोकतंत्र की जड़ें गहरी है। ये बात अलग है कि अनेक प्रतिकूल परिस्थितियां भी देखी गई। योगी आदित्यनाथ ने ऐसे दो तथ्यों का उल्लेख किया। कहा कि डेढ़ दशक में ही मजबूर व मजबूत सरकार देखने को मिली।
उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। लेकिन मनमोहन सिंह सरकार की स्थिति जगजाहिर रही है। यह मजबूर सरकार थी। तब प्रधानमंत्री अपने विवेक से कार्य करने की स्थिति में नहीं थे। इसके बाद देश मजबूत सरकार देख रहा है। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की संवैधानिक गरिमा को पुनः स्थापित किया। दुनिया में भारत का महत्व व भूमिका बढ़ी है। योगी ने लोकतंत्र के दूसरे पहलू अर्थात विपक्ष का भी उल्लेख किया। भाजपा को जनादेश मिला,लेकिन कांग्रेस सहित अनेक विपक्षी पार्टियां इसे सहजता से नहीं ले सकी।
इसलिए उन्होंने नकारात्मक रुख का परिचय दिया। आधुनिक युग में लोकतांत्रिक सरकार को ही सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था कहा जा सकता है। इसमें शक्तिशाली व संवेदनशील सरकार आवश्यक है। इसी के साथ सकारात्मक भूमिका वाले विपक्ष भी होना चाहिए। योगी ने कहा कि विपक्ष को जिम्मेदारी का परिचय देना चाहिए,लेकिन समय समय पर विपक्ष की नकारात्मक भूमिका को हम सबने देखा है।
उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक समृद्धि के लिए विपक्ष को भी सकारात्मक सुझाव देना चाहिए। किन्तु एक गैर जिम्मेदार विपक्ष के रूप में कुछ नेताओं के वक्तव्य सामने आते हैं। गैर जिम्मेदार विपक्ष का मजबूत होना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। विपक्ष को सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए। यदि सरकार लोक कल्याण, देश की सुरक्षा आदि के लिए कार्य न करे,तो सरकार का विरोध करना चाहिए,किन्तु विपक्ष ऐसा नहीं कर रहा है।
योगी आदित्यनाथ स्व नरेन्द्र मोहन व्याख्यान माला के अन्तर्गत सबल लोकतंत्र: मजबूत सरकार या मजबूत विपक्ष विषयक वर्चुअल संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोहन जी एक अच्छे चिन्तक उत्कृष्ट लेखक तथा प्रखर वक्ता थे। उन्होेंने लोकतंत्र के मूल्यों और आदर्शों का सदैव समर्थन किया। लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ के रूप में उन्होंने दैनिक जागरण समाचार पत्र को घर-घर पहुंचाया और शिखर पर स्थापित किया। उनके लेखन से उनकी संस्कृति, भारतीयता भारत की सनातन संस्कृति एवं महापुरुषों के प्रति उनके भाव तथा ज्ञान की गहराई का पता चलता है। उनमें साहित्य,धर्म, संस्कृति,अध्यात्म की गहन समझ थी। देश ने पहले मजबूर सरकार देखी। जो स्वार्थ के लिए देश की परम्परा व संस्कृति पर प्रहार करती रही।
वर्ष 2004 से वर्ष 2014 तक हमने ऐसी सरकार देखी है। उसके बाद यह भी देखा है कि मजबूत सरकार जनाकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनती है। राष्ट्र की सीमाओं को सुरक्षित रखती है। वैश्विक मंच पर देश की परम्परा व संस्कृति को प्रतिष्ठा दिलाती है। लोककल्याणकारी योजनाओं को पूरा करती है। नरेंद्र मोदी की मजबूत सरकार ने दस करोड़ से भी अधिक गरीब परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय सुलभ कराया गया है। गरीब परिवारों को तीन करोड़ से भी अधिक आवास,चार करोड़ से अधिक विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत पचास करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा की सुविधा दी गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत देश के बारह करोड़ किसानों को लाभान्वित किया गया है। कोरोना संकट के दौरान अस्सी करोड़ लोगों के लिए निरन्तर निःशुल्क राशन की व्यवस्था की गई। वृद्धजन, निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगजन को अग्रिम पेंशन उपलब्ध करायी गई।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत कृषकों के खाते में धनराशि अन्तरित की गई। छोटे व्यापारियों, स्ट्रीट वेण्डर्स, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए प्रधानमंत्री आर्थिक पैकेज की व्यवस्था की गई। प्रदेश में दो करोड़ इकसठ लाख शौचालय बनाए गए हैं। बड़ी संख्या में गरीब परिवारों को आवास उपलब्ध कराया गया है। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राष्ट्र सबसे पहले है,इसके बाद पार्टी है, सके बाद परिवार है, इसके पश्चात स्वयं का हित आता है। इसी भावना पर वर्तमान सरकार कार्य कर रही है। विपक्ष को भी इस पर अनुसरण करना चाहिए। लेकिन उसकी भूमिका नकारात्मक है। देश की आर्थिक समृद्धि के लिए विपक्ष को भी सकारात्मक सुझाव देना चाहिए। किन्तु एक गैर जिम्मेदार विपक्ष के रूप में कुछ नेताओं के वक्तव्य सामने आते हैं। गैर जिम्मेदार विपक्ष का मजबूत होना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।