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भारत की आजादी में नेताजी का योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता

● हिन्दू महासभा ने मनायी  सुभाष चन्द्र बोस की जयन्ती

लखनऊ। अखिल भारत हिन्दू महासभा ने आज यहां सेक्टर छह जानकीपुरम विस्तार में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयन्ती मनायी गयी। इस मौके पर हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी, प्रदेश संयोजक पंकज तिवारी, प्रदेष कार्यकारी अध्यक्ष अनुपम मिश्र, संत सभा के प्रदेष अध्यक्ष बाबा महादेव, प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ दुबे, भास्कर भूषण मिश्र, अष्वनी कुमार गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीराम तिवारी, श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष गोपी कृष्ण, व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेष अध्यक्ष प्रदीप कुमार, किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अंकेश सिंह चौहान, प्रदेश प्रवक्ता अवनीश अवस्थी, डा. अगम दयाल, जिलाध्यक्ष लखनऊ नीरज शुक्ला सहित काफी संख्या में मौजूद पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित किये।

इस मौके पर पार्टी के वक्ताओं ने नेताजी सुभाश चन्द्र बोस के जीवन पर प्रकाश डाला और कहा कि देश की स्वतंत्रता के इतिहास के महानायक बोस का जीवन और उनकी मृत्यु भले ही रहस्यमय मानी जाती रही हो, लेकिन उनकी देशभक्ति सदा सर्वदा असंदिग्ध और अनुकरणीय रही। 18 अगस्त 1945 को हवाई हादसे में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के निधन की ख़बर आई। इसी के साथ शुरू हुआ उनकी मौत का रहस्य। हकीकत जानने के लिए तीन आयोग बने। क्या थी उनकी रिपोर्ट? किस ओर इशारा करती थीं उनकी जांच? इन सभी सवालों के साथ गुत्थी और उलझती चली गई।

हिन्दू महासभा नेताओं ने कहा कि भारत की आजादी में नेताजी सुभाश चंद्र बोस के योगदान को कभी भी भुलाया नही जा सकता। खून के बदले आजादी देने का वादा करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा है। 23 जनवरी 1897 को एक संपन्न बांग्ला परिवार में जन्मे सुभाष अपने देश के लिए हर हाल में आजादी चाहते थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश के नाम कर दिया और अंतिम सांस तक देश की आजादी के लिए संघर्ष करते रहे।

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