भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) पर बड़ा हमला बोलते हुए मौजूदा पदाधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की है। भूटिया ने हाल के दिनों में राष्ट्रीय टीम के खराब प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय संस्था को जिम्मेदार ठहराया। भूटिया ने एआईएफएफ की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि भारतीय फुटबॉल के लिए रोडमैप के अभाव के कारण हाल ही में तीन देशों के इंटरकॉन्टिनेंटल कप में भारत को घरेलू धरती पर सीरिया के हाथों शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा और मॉरीशस के खिलाफ मैच ड्रा रहा।
भूटिया ने महासंघ के चुनाव कराने पर दिया जोर
पूर्व भारतीय कप्तान ने एआईएफएफ प्रशासन में आमूलचूल बदलाव की मांग की। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि यह अच्छा संकेत नहीं है। पिछले कुछ समय से हमारे प्रदर्शन में लगातार गिरावट आ रही है। हम पहले शीर्ष 100 में शामिल थे लेकिन अब 125वें स्थान पर खिसक गए हैं। मुझे लगता है कि फुटबॉल को एक नए शासी निकाय और चुनाव तथा नई शुरुआत की जरूरत है। नहीं तो फुटबॉल में हमारा स्तर लगातार गिर रहा है। मुझे लगता है कि खेल को आगे बढ़ाने के लिए वास्तव में गंभीर चर्चा, गहन बहस होनी चाहिए। हमारे संविधान में सुधार किया जाना चाहिए, मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है। मुझे उम्मीद है कि कोर्ट जल्द से जल्द फैसला सुनाएगा। महासंघ को नए संविधान और नई संस्था की जरूरत है। महासंघ के नए चुनाव कराने होंगे।
भूटिया ने कहा, अब समय आ गया है कि महासंघ इस बात पर ध्यान केंद्रित करे कि भारतीय फुटबॉल को कैसे आगे बढ़ाया जाए। आप सिर्फ कागजों पर विजन 2046 नहीं रख सकते और चीजों को लागू नहीं कर सकते। अब यह महत्वपूर्ण है कि महासंघ एनजीओ की तरह काम करना बंद कर दे। पिछले दो वर्षों में जितने विवाद और आरोप लगे हैं उससे खेल की छवि पर बुरा असर पड़ रहा है। मैं कार्यकारी समिति की बैठक में था और यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण था कि हम फुटबॉल को लेकर नहीं बल्कि बस्तर में आतंकवाद पर चर्चा कर रहे थे।