वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 2.0 का दूसरा बजट पेश कर रही हैं। वित्त मंत्री के हाथ में एक बार फिर लाल कपड़े में बंधा बहीखाता दिखा। बहीखाते का चलन वही लेकर आई थीं। इससे पहले बजट को एक चमड़े के बैग में लेकर जाया जाता था। ये लगातार दूसरा मौका है जब वित्त मंत्री बहीखाता पेश कर रही हैं।
देश की निगाहें वित्त मंत्री पर हैं, क्योंकि अर्थव्यवस्था की हालक ठीक नहीं है। सरकार ने 2018-19 के लिए डीजीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 6.8 से घटाकर 6.1 कर दिया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार नई शिक्षा नीति लेकर आएगी। जिला अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज बनाने की योजना बनाई जाएगी। शिक्षा में FDI लाया जाएगा। बजट में 99,300 करोड़ रुपये शिक्षा के लिए आवंटति कए गए हैं। इनमें से 3000 करोड़ स्किल डेवलपमेंट पर खर्च किया जाएगा।
लोकल बॉडी में काम करने के लिए युवा इंजीनियर्स को इंटर्नशिप की सुविधा दी जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सरकार काम कर रही है, दुनिया के छात्रों को भारत में पढ़ने के लिए सुविधाएं दी जाएंगी। भारत के छात्रों को भी एशिया, अफ्रीका के देशों में भेजा जाएगा। राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। डॉक्टरों के लिए एक ब्रिज प्रोग्राम शुरू किया जाएगा, ताकि प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को प्रोफेशनल बातों के बारे में सिखाया जा सके। बता दें कि उन्होंने जल जीवन मिशन के लिए 11, 500 करोड़ रुपये का ऐलान भी किया है।