अमेरिकी सेना में यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए एक नया कानून लाया गया है। यह कानून 28 दिसंबर से अमेरिका में लागू हो गया। इस कानून के मुताबिक अब स्वतंत्र वकील भी सेना में हत्या, दुष्कर्म और घरेलू हिंसा से संबंधित मामलों में मुकदमा कर सकते हैं। अभी तक सेना के कमांडर्स ही ऐसा कर सकते थे और ऐसा देखा गया कि सेना कमांडर्स ऐसे मामलों को दबाने का प्रयास करते थे।
जानिए क्या होंगे अमेरिकी सैन्य न्याय व्यवस्था में बदलाव
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कानून की तारीफ करते हुए इसे ऐतिहासिक बदलाव करार दिया। अपने बयान में उन्होंने कहा कि यह बेहद अहम है कि सेना की न्याय व्यवस्था में बदलाव किए जाएं क्योंकि यह साल 1950 में यूनिफॉर्म कोड ऑफ मिलिट्री जस्टिस के आधार पर ही चल रहे हैं। नए कानून के तहत सेना की हर ब्रांच में एक विशेष वकील की तैनाती होगी, जो कि सेना में होने वाले अपराधों से डील करेगा। ये वकील कानूनी पेशे से होंगे और ये सेना की कमांड श्रंख्ला का हिस्सा नहीं होंगे। इन वकीलों की तैनाती पूरे देश में मिलिट्री बेस के नजदीक या फिर उन इलाकों में होगी, जहां ज्यादा अपराध दर्ज होते हैं।
साल 2022 में अमेरिकी कांग्रेस से पास हुआ था कानून
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नए कानून के तहत अमेरिकी थलसेना को 65 ट्रायल काउंसल, वायुसेना को 40, मरीन्स को 33 और यूएस नेवी को 24 काउंसल मिलेंगे। हर वकील प्रत्येक साल करीब 50 मामलों की जांच करेगा और 8-12 मामलों का ट्रायल करेगा। अमेरिकी कांग्रेस ने साल 2022 में ही यह कानून पास कर दिया था। न्यूयॉर्क से डेमोक्रेट सीनेटर क्रिस्टीन गिलिबार्ड ने यह कानून संसद में पेश किया था, जिसे रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर जोनी अर्न्स्ट का भी समर्थन मिला। इस कानून का उद्देश्य सेना की न्याय व्यवस्था में पारदर्शिता लाना और पीड़ितों को न्याय दिलाना है। अमेरिकी सेना की न्याय व्यवस्था में लंबे समय से बदलाव की मांग उठ रही थी। हाल के सालों में अमेरिकी सेना में यौन उत्पीड़न के मामले बहुत ज्यादा बढ़े हैं। पेंटागन की सालाना रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ।