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RO प्यूरीफायर के इस्तेमाल पर NGT का नया निर्देश

नई दिल्ली। आरओ प्यूरीफायर (RO Purifier) के इस्तेमाल को नियंत्रित करने के लिए एनजीटी ने सरकार को उन स्थानों पर इन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है जहां पानी में कुल विलय ठोस पदार्थ (TDS) 500 एमजी प्रति लीटर से कम हो। इसके साथ ही एनजीटी ने जनता को बिना खनिज पदार्थ वाले पानी के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने को कहा है।

60 प्रतिशत से ज्यादा पानी का पुन: इस्तेमाल

राष्ट्रिय हरित अधिकरण (National Green Tribunal) ने सरकार से यह भी कहा है कि देशभर में जहां भी आरओ की अनुमति दी गई है वहां 60 प्रतिशत से ज्यादा पानी पुन: इस्तेमाल किया जाना अनिवार्य किया जाये। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने उसके द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद आदेश पारित किया और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को निर्देश दिए।

आरओ के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने

समिति ने कहा कि अगर टीडीसी 500 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम है तो आरओ प्रणाली उपयोगी नहीं होगी बल्कि उससे महत्वपूर्ण खनिज निकल जाएंगे और साथ ही पानी की अनुचित बर्बादी होगी। एनजीटी ने कहा, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय उन स्थानों पर आरओ के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाली उचित अधिसूचना जारी कर सकता है जहां पानी में टीडीएस 500 एमजी प्रति लीटर से कम है और जहां भी आरओ की अनुमति है वहां यह सुनिश्चित किया जाए कि 60 प्रतिशत से अधिक पानी को पुन: इस्तेमाल में लाया जाए।

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