स्वाधीनता दिवस से दो दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों ने लगभग पांच वर्ष पहले पश्चिम बंगाल में हुए बम विस्फोटों के आरोपी जाहिरुल शेख को अरैस्ट करने में कामयाबी हासिल की. इस आतंकी तक पहुंचने के लिए एनआईए के अफसरों को सब्जी तक बेचनी पड़ी है. पश्चिम बंगाल के वर्धमान में साल 2०14 में हुए बम विस्फोटों में एक आरोपी जाहिरुल शेख भी था. एनआईए लंबे अरसे से उसे तलाश रही थी. सूत्रों के अनुसार, एनआईए को शेख के इंदौर के आजाद नगर थाना क्षेत्र के कोहिनूर कॉलोनी में रहने की समाचार मिली. एनआईए के दस्ते ने जाल बिछाया व पता किया तो जानकारी सामने आई कि यह आतंकवादी पेंटर का कार्य करता है व मजदूरी भी करता है.
सूचना के आधार पर एनआईए के अधिकारियों का दस्ता इंदौर जा पहुंचा. इस दस्ते ने पहले पुलिस को कानों कान समाचार नहीं होने दी वअपने स्तर पर जाल बिछाया. सूत्रों का बोलना है कि एनआईए के कई अधिकारियों ने कोहिनूर कॉलोनी इलाके में हाथ ठेले पर सब्जी तक बेची. अधिकारियों ने ऐसा इसलिए किया, ताकि उन्हें उस जगह व ठिकाने का ठीक पता चल सके, जहां शेख निवास करता था. जब शेख के ठिकाने की पुष्टि हो गई तो एनआईए के दस्ते ने पुलिस की मदद ली.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वरुण कपूर ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया, “आजाद नगर की पुलिस ने एनआईए की मदद की थी व एनआईए के दल ने एक आदमी को हिरासत में लिया है. वह आदमी जिसके मकान में किराए पर रहता था, उसने किराएदार के बारे में पुलिस को सूचना नहीं दी थी.”
सूत्रों का बोलना है कि करीब दो वर्ष से वह भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में मेहनतकश बनकर रह रहा था. स्वतंत्रता दिवस के अच्छा पूर्व हुई इस गिरफ्तारी को अहम माना जा रहा है.
आजाद नगर थाना पुलिस के मुताबिक, अरैस्ट आतंकवादी का नाम जाहिरुल उर्फ जाकिर पिता जूद अली शेख निवासी जिला नादिया (पश्चिम बंगाल) है. उसे कोहिनूर कॉलोनी से शाकिर खान के मकान से पकड़ा गया.
जाहिरुल शेख जमात-उल-मुजाहिद (जेएमबी) मॉड्यूल का सक्रिय मेम्बर है व वह तीन लाख रुपये के इनामी मो़ रिजाउल करीम का करीबी है. वह अक्टूबर 14 में खगड़ागढ़ (बर्द्घमान) में हुए बम विस्फोट में शामिल था, जिसमें जेएमबी के दो आतंकवादी भी मारे गए थे. शेख को आतंकवादियों को विस्फोटक व हथियारों का प्रशिक्षण देने में महारत हासिल है. वह ट्रेनिंग कैंप व बम बनाने का प्रशिक्षण ले चुका है.
आशंका जताई जा रही है कि शेख किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए यहां रुका हुआ था. वैसे न तो पुलिस कुछ स्पष्ट कर रही है व न ही एनआईए की ओर से कुछ बताया जा रहा है.