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थाईलैंड के उप विदेश मंत्री सिहासाक फुआंगकेटकेव ने कहा कि साल 2012 इसलिए अहम था क्योंकि भारत रणनीतिक साझेदार बना। उन्होंने कहा कि साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘लुक ईस्ट इनटू द एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ को जारी रखने की घोषणा की।

उन्होंने इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स में कहा, ‘हमने भारत और आसियान के बीच एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में प्रवेश किया है। इसलिए संबंधों में विकास हुआ। क्षेत्र की व्यापक गतिशीलता का थाईलैंड और भारत के बीच साझेदारी पर बहुत लाभकारी प्रभाव पड़ा है।’

अलग-थलग करने की मांग करने वाला समूह नहीं बनना चाहिए
उप विदेश मंत्री सिहासाक फुआंगकेटकेव ने इससे पहले यह भी कहा कि क्वॉड जैसे समूहों को हिंद-प्रशांत में क्षेत्रीय संतुलन सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना चाहिए और किसी विशेष देश को नियंत्रित करने या अलग-थलग करने की मांग करने वाला समूह नहीं बनना चाहिए। ‘क्वॉड’ और ‘ऑकस’ यदि भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के सामने डटे रहते हैं तो एक ‘उपयोगी’ उद्देश्य की पूर्ति कर सकते हैं और ऐसी सभी पहलों के लिए सामान्य दृष्टिकोण एक समावेशी हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करना होना चाहिए।

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