Breaking News

10-20 करोड़ नहीं इससे कहीं गुना है महंगी,’गणपति बप्पा’ की मूर्ति, कीमत जान उड़ जाएगे होश…

गणेश चतुर्थी का पर्व आने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. इस साल गणेश चतुर्थी का त्यौहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद महीने की चतुर्थी तिथि को मनाया जाएगा, जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, 19 सितंबर 2023 यानी आने मंगलवार को है.

यह पर्व हर साल बड़े ही धूम-धूम से हमारे देश में मनाया जाता है. पूरे भारत में ‘गणेश चतुर्थी’ की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. गणेश उत्सव में एक से बढ़कर एक गणेश प्रत‍िमाओं की बात होती है जो काफी महंगी होती हैं. लोग बड़े-बड़े पंडाल में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं.

ऐसे भगवान की किसी भी मूर्ति की कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती. लेकिन हर इंसान अपनी क्षमता के अनुसार गणेश भगवान की मूर्ति को लेकर घर आता है, आम तौर पर इनकी कीमत 100 रुपये से लेकर 500 सौ या 1000 रुपये के करीब होती है लेकिन आज हम जिस मूर्ति के बारे में बताने जा रहे हैं उसकी कीमत का अंदाजा लगाना भी बहुत मुश्किल है. इसकी कीमत सुन आपके होश उड़ जाएंगे. आप ये जानने के लिए भी उत्सुक होंगे कि आखिर इतनी महंगी मूर्ति किसके पास है.

किसके पास है यह मूर्ति

भगवान गणेश की अब तक की सबसे महंगी मूर्ति गुजरात के सूरत के एक व्यापारी राजेश भाई पांडव के पास है. राजेश भाई पांडव सूरत के कातरगाम में रहते हैं और उनकी एक पॉलिशिंग यूनिट है. इसके साथ ही राजेश भाई पांडव और भी कई तरह के व्यापार करते हैं. राजेश भाई और उनके परिवार वाले मानते हैं कि जब से भगवान गणेश की यह मूर्ति उनके घर में स्थापित हुई है, तब से वह दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं.

जान लीजिए कितनी है कीमत

सूरत के पांडव परिवार के घर में व‍िराजमान डायमंड के गणेश की कीमत करोड़ों में है. इसकी ऊंचाई महज 2.44 सेंटीमीटर ही है. इसे एक अनकट हीरे से बनाया गया है. इसी वजह से इस मूर्ति की कीमत लगभग 500 करोड़ रुपये आंकी गई है. जो देश के सबसे महंगे गणेश हैं मगर राजेश भाई के लिए यह डायमंड गणेश बेहद अनमोल हैं. देखने में आपको यह मूर्ति एक आम सफेद क्रिस्टल की मूर्ति जैसी लगेगी, लेकिन असलियत में यह एक हीरा है जो भगवान गणेश की मूर्ति की तरह दिखाई देता है.

कहां से लाए राजेश भाई ये मूर्ति

साल 2005 में राजेश पांडव को ये मूर्ति साउथ अफ्रीका में एक नीलामी के दौरान मिली थी, हालांकि वहां पर इसकी नीलामी एक अनकट डायमंड के रूप में हो रही थी लेकिन जब राजेश पांडव को ये दिखी तो उन्हें इनमें बप्पा की छवि दिखाई दी और इसलिए इन्होंने इसे नीलामी में खरीद लिया. साल 2016 में इस मूर्ति को सूरत के वार्षिक हीरा प्रदर्शनी में भी लगाया गया था.

About News Desk (P)

Check Also

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने यू-जीनियस राष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी फिनाले में प्रतिभाशाली युवाओं का किया सम्मान

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank Of India) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ...