चीन के बाद अब भारत में भी कोरोना वायरस के लक्षण मिलने लगे है। मुंबई और बिहार के बाद अब तीन संदिग्ध मरीज की पहचान दिल्ली में भी हुई है। ऐसे संदिग्धों के इलाज के लिए दिल्ली के राम मोनहर लोहिया हॉस्पिटल को चुना गया है। कोराना वायरस के मरीजों के लिए आरएमएल प्रधान सेंटर होगा। अस्पताल प्रशासन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि तीनों मरीज पिछले कुछ दिनों में चीन से आए हैं और तीनों मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे हैं।
आरएमएल अस्पताल के वॉर्ड पांच को कोरोनावायरस के लिए रिजर्व आइसोलेशन वॉर्ड के तौर पर तैयार किया गया है। सोमवार को अस्पताल में इलाज की तैयारी को लेकर नैशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की टीम ने दौरा किया। वहीं, एम्स में भी आइसोलेशन वॉर्ड बनाया गया है।
आरएमएल में तीन संदिग्ध भर्ती
डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मिनाक्षी भारद्वाज ने कहा कि हमारे सामने कोरोना वायरस के तीन केस सामने आए हैं। तीनों मरीजों का इलाज चल रहा है और उनके सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है। उन्होने बताया कि सभी लोगों की उम्र 24 से 48 वर्ष के बीच है और सोमवार को उनके नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया है। बताया जा रहा है कि दो पुरुष दिल्ली के निवासी हैं जबकि एक एनसीआर का निवासी है।
कोराना वायरस का संदिग्ध मरीज जयपुर में आया सामने
इससे पहले रविवार को जयपुर में कोरानावायरस का एक संदिग्ध मरीज सामने आया है। बताया जा रहा है कि जयपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कोरोनावायरस से पीड़ित लड़का चीन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था। भारत आने के बाद उसमें कोरोनावायरस के लक्षण देखने को मिले, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी चीन से लौटे एक मेडिकल छात्र में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने पर उसके ब्लड सैंपल नेशनल वायरोलॉजिकल लैब, पुणे जांच के लिए भेजे गए हैं।
क्या है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस एक तरह का संक्रमित होने वाला वायरस है। विश्व स्वास्थ्य संगठन इस वायरस को लेकर लोगों को चेता चुका है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के जरिए फैलता है। दुनिया के तमाम देशों में यह वायरस चीन से आने वाले यात्रियों के जरिए ही पहुंच रहा है। इस वायरस के लक्षण निमोनिया की ही तरह हैं। यह वायरस कोरोनो वायरस परिवार से संबंध रखने वाला वायरस है। कोरना वायरस जानवरों में भी पाया जाता है। समुद्री जीव-जंतुओं के जरिए यह वायरस चीन के लोगों में फैला। दक्षिण चीन में समुद्र के आसपास रहने वाले लोगों को सबसे पहले इस वायरस ने चपेट में लिया, जिनमें वुहान शहर है।