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नए साल से पहले बड़ा तोहफा, अब रोज 15 हजार सैलानी कर सकेंगे ताज का दीदार

नए साल से पहले पर्यटन उद्योग और सैलानियों को तोहफा मिला है। अब रोज 15 हजार सैलानी ताजमहल का दीदार कर पाएंगे। जिला प्रशासन ने टिकटों की संख्या को 10 से बढ़ाकर 15 हजार कर दिया है। यह व्यवस्था रविवार से लागू हो गई है। जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह ने बताया कि ताजमहल के टिकट सिर्फ ऑनलाइन बुक हो सकेंगे। आगरा किला में भी सैलानियों की क्षमता अब पांच हजार से बढ़कर साढ़े सात हजार कर दी गई है। नए साल पर पर्यटक बढ़ने के मद्देनजर प्रशासन ने कोविड समीक्षा के बाद यह निर्णय किया है।

372 साल में पहली बार करीब छह महीने बंद रहने के बाद ताजमहल सितंबर में बंदिशों के साथ पर्यटकों के लिए खोला गया था। 20 दिसंबर तक एक दिन में पांच हजार पर्यटकों को ही ताजमहल में प्रवेश मिल पाता था। पर्यटकों की भीड़ को देखते हुए इसे बढ़ा 10 हजार किया गया। अब नए साल पर पर्यटक बढ़ने के मद्देनजर प्रशासन ने ताजमहल के टिकटों की संख्या 15 हजार कर दी है। टिकट ऑनलाइन ही मिलेंगे। प्रशासन के इस फैसले पर पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों ने खुशी जाहिर की है।

टिकटों की संख्या बढ़ने से ताजमहल पर सैलानियों की भीड़ उमड़ आई है। ताजमहल पर शनिवार को 8,256 सैलानी आए। दोपहर एक बजे ही पूरे 10 हजार टिकट बुक हो चुके थे। लपकों के टिकट बुक कराने के कारण बिके हुए टिकटों और सैलानियों की प्रवेश संख्या में यह बड़ा अंतर नजर आया। दोपहर एक बजे के बाद जो सैलानी ताज पहुंचे, उन्हें टिकट नहीं मिल पाया, जिस वजह से उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा। शनिवार को रविवार के भी 5500 टिकट बुक हो चुके थे। हालांकि रविवार को 15 हजार टिकट हो गए हैं।

ताजमहल पर दोपहर एक बजे के बाद पहुंचे ऐसे सैलानी, जिन्होंने ऑनलाइन पहले से टिकट बुक नहीं किया था, वह निराश हुए तो पास के दुकानदारों और एएसआई कर्मचारियों की सलाह पर महताब बाग पहुंच गए। यही वजह रही कि इस साल महताब बाग से सबसे ज्यादा 1112 सैलानियों ने ताजमहल देखा। आगरा किला पर भी सैलानियों की भीड़ रही। आगरा किला पर 2500 की जगह 4 हजार कैपिंग करने के बाद पहली बार यहां 4041 पर्यटकों ने प्रवेश किया। इनमें से 3040 पर्यटक और 1001 बच्चे शामिल रहे।

ताजमहल पर शनिवार को 8256 सैलानी आए, जिनमें से 4161 सैलानियों ने मुख्य गुंबद का 200 रुपये का अतिरिक्त प्रवेश शुल्क लेकर शाहजहां-मुमताज की कब्रें देखीं। दो साल पहले मुख्य गुंबद पर टिकट लगाया गया था। तब भारतीय सैलानियों में महज 15 फीसदी ही शाहजहां-मुमताज की कब्रें देखने जाते थे, लेकिन अब इनकी संख्या 50 फीसदी तक पहुंच गई है। शनिवार को 29 विदेशी सैलानी और 5 सार्क देशों के पर्यटक ताज पर पहुंचे।

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