केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यमों (MSMEs) के तहत नई कंपनी के पंजीकरण को आसान बनाने के लिए 1 जुलाई 2020 को एक पोर्टल लॉन्च किया था. इसका मकसद नई कंपनियां शुरू करने वालों को रजिस्ट्रेशन की मुश्किल प्रक्रिया से बचाकर एक पेज में पंजीकरण (Single Page Registration) की सुविधा उपलब्ध कराना है. इससे एमएसएमई के तहत किसी भी कंपनी के रजिस्ट्रेशन में लोगों को समय की बचत के साथ आसान पंजीकरण प्रक्रिया उपलब्ध कराई गई है. केंद्र की ओर से 26 नवंबर 2020 को जारी अधिसूचना के मुताबिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए जीएस-टिन (GSTIN) अनिवार्य होगा, जो 1 अप्रैल 2021 से प्रभावी होगा. अब केंद्र ने इसमें नई कंपनी शुरू करने की इच्छा रखने वालों को राहत दे दी है.
ऐसी उद्यमियों को हो रही थी जीएसटीआईएन की वजह से समस्या
केंद्र की ओर से जीएस-टिन अनिवार्य किए जाने के बाद कई एमएसएमई संगठनों (MSME Organisations) ने कहा कि इससे रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस पर बुरा असर पड़ रहा है. उनका कहना था कि कई एंटरप्राइजेज को जीएसटी रिटर्न (GST Return) दाखिल करने की अनिवार्यता से छूट मिली हुई है. वहीं, कई एमएसएमई का सालाना कारोबार (Annual Turnover) इतना कम है कि उन्हें जीसटी एक्ट (GST Act) के तहत पंजीकरण की जरूरत ही नहीं है. ऐसे में रजिस्ट्रेशन के लिए जीएस-टिन की अनिवार्यता रुकावट बन रही है.
अब तक हो चुके हैं 25 लाख एमएसएमई के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन
एमएसएमई मंत्रालय (MSME Ministry) ने मामले की पड़ताल करने के बाद 5 मार्च 2021 को अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया है कि जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए जीएस-टिन अनिवार्य रहेगा. वहीं, जिन्हें जीएसटी रिटर्न दाखिल करने से छूट मिली है, वे अपनी कंपनी का पंजीकरण कराने के दौरान अपने परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) का इस्तेमाल कर सकते हैं. बता दें कि उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल को कारोबारियों की शानदार प्रतिक्रिया मिली है. इस पोर्टल की मदद से असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कलाकारों, हस्तशिल्पियों को काफी मदद मिल रही है. पोर्टल पर 5 मार्च 2021 तक 25 लाख से ज्यादा एमएसएमई के लिए रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं.