मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 100 दिन का कार्यकाल पूरा होने के दौरान यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि उनका मकसद 2025 तक राज्य को देश के श्रेष्ठ राज्यों में शुमार करना है। सरकार ने पहले तीन साल का रोडमैप तैयार किया जा रहा है।
चूंकि समान नागरिक संहिता बनाने या लागू करने के लिये 1937 का मुस्लिम पर्सनल लाॅ (शरियत) को समाप्त या उसमें संशोधन करना पड़ेगा। इसी प्रकार हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 सहित 1956 के उत्तराधिकार और गोद लेने वाले कानूनों की समीक्षा और फिर उनमें संशोधन करना पड़ेगा, जो कि राज्य सरकार या विधानसभा के अधिकार क्षेत्र न होकर संसद और केन्द्र सरकार का अधिकार क्षेत्र है।
सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कोई भी विधानसभा संसद द्वारा पारित कानूनों में संशोधन नहीं कर सकती। जब विधानसभा सारे देश के लिये कानून नहीं बना सकती तो उसे समान कानून कैसे मान सकते हैं? संसद को भी समान नागरिक संहिता का कानून बनाने के लिये संविधान के अनुच्छेद 14 या अनुच्छेद 25 से लेकर 28 में संशोधन करना पड़ेगा।