चंदौली। पीडीडीयू नगर स्थान कोतवाली थाना अंतर्गत कैलाशपुरी क्षेत्र स्थित मायाबिंद चाइल्ड क्लीनिक में परिजनों ने मचाया हो हल्ला की तोड़फोड़ बताया जाता है कि मामला किसी बच्चे की मौत का है वहीं मृतक के परिजन मुगलसराय कोतवाली पहुंचे।
इस बाबत मुगलसराय के परशुरामपुर निवासी जयप्रकाश ने बताया कि हमारा बच्चा मायाबिंद चाइल्ड क्लिनिक हॉस्पिटल में 3 दिनों से एडमिट था, जिसको सर्दी निमोनिया की परेशानी थी। इसलिए हम लोगों ने उसे वहां इलाज़ के लिए भर्ती करवाया बताया कि हमारा बच्चा लगभग डेढ़ महीने का था जिसको आईसीयू में रखा गया और ऑक्सीजन लगा हुआ था।
वही जयप्रकाश ने बताया कि वहां स्थित डॉ. की लापरवाही से हमारा बच्चा मरा है डॉक्टरों का कहना था कि आपका बच्चा स्वस्थ है हो सकता है कि कल आपकी छुट्टी कर दी जाए। जयप्रकाश का एक आरोप और था कि वहां मायाबिंद चाइल्ड क्लिनिक में एक नया नियम है कि अगर एक मरीज के साथ कोई भी अन्य व्यक्ति रुकेगा तो ₹500 अलग से लिए जाएंगे।
उसने बताया कि इसलिए हम अपने बच्चे के पास नहीं रुक सके और हमें बाहर निकाल दिया गया और जब हमने कुछ देरी बाद देखा तो बच्चा हिचकियां ले रहा था। उसकी हालत बिगड़ती समझ में आई जिस पर हम ने डॉक्टरों को बुलाया मगर डॉक्टर काफी देर तक नहीं पहुंचे और जब डॉक्टर वहां पहुंचे तो हमको उल्टा डांटना शुरू कर दिया, कहा कि तुम कहां थे तुमको बच्चे के पास रहना चाहिए था और हमें बाहर निकाल दिया।
इस बाबत मायाबिन्द चाइल्ड क्लीनिक के संचालक डॉ. राजेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि हमारे डॉक्टरों पर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं। बच्चे के दिल में छेद था, जिसका हम लोगों द्वारा जांच करवाने हेतु कहा गया और उसकी दवा भी चल रही थी। यह बात हम लोगों ने पहले ही बच्चे के घर वालो को बता था कि देखिए किसी प्रकार की दिक्कत हो सकती है। हम लोगों ने उनसे लिखित भी ले लिया था।
डॉ. राजेंद्र ने बताया कि मरीज के परिजनों द्वारा हमारे हॉस्पिटल में तोड़फोड़ की गई, जो गलत है। अगर हमारे डॉक्टरों के खिलाफ कोई बात थी तो मरीज के परिजनों को थाने में सूचना देनी चाहिए, तोड़फोड़ करना गलत है। समाचार लिखे जाने तक मृतक बच्चे के परिजनों द्वारा थाने में कोई लिखित तहरीर नहीं दी गई थी। वहीं पुलिस उक्त हॉस्पिटल के डॉक्टर को थाने लाकर पूछताछ कर रही थी।
रिपोर्ट-सरदार रोशन सिंह