• 19 दिव्यांगजनों और संगठनों को पुरस्कार मिले, 46 मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित किया गया और 324 छात्रों को टेबलेट वितरित किए गए
• दिव्यांगजनों को 40 सहायक उपकरण भी दिए गए
• योगी सरकार ने दिव्यांग पेंशन बढ़ाई, नए बचपन डे केयर सेंटर खोले और विशेष विद्यालयों की संख्या बढ़ाई
• छात्रवृत्ति और शादी प्रोत्साहन योजनाओं में भी वृद्धि की गई है।
• योगी सरकार का लक्ष्य दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाना है- नरेंद्र कश्यप
लखनऊ। विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा लोकभवन सभागार, लखनऊ में भव्य राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिव्यांगजनों, उनके हित में कार्यरत संस्थाओं और व्यक्तियों को सम्मानित किया।
इस मौके पर पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने योगी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठा रही है।
समारोह में मुख्यमंत्री के हाथों 19 दिव्यांगजनों और दिव्यांगता के क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ ही, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 46 मेधावी दिव्यांग छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित किया गया। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा ‘ओ लेवल’ कंप्यूटर प्रशिक्षण पूरा करने वाले 28 दिव्यांग छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।
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मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में प्रतीकात्मक रूप से 324 दिव्यांग छात्र-छात्राओं को टेबलेट वितरित किए, जबकि इस वर्ष कुल 3,363 छात्रों को टेबलेट दिए जाने हैं। इसके अलावा, दिव्यांगजनों को 40 सहायक उपकरण भी वितरित किए गए।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा अन्य पिछड़े वर्ग के छात्र छात्राओं को पूर्वदशम छात्रवृत्ति (कक्षा 9-10) 2,53,211 छात्र-छात्राओं के खातों में पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से 54.38 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति की धनराशि हस्तांतरित की गई है।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन शादी प्रोत्साहन योजना के तहत नवविवाहित दिव्यांग दंपत्तियों को 35,000 रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है और शादी के पंजीकरण की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। शल्य चिकित्सा योजना के तहत कॉक्लियर इम्प्लांट के लिए 6 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा रही है।
मंत्री नरेंद्र कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि 2017 के पहले प्रदेश में केवल 10 बचपन डे केयर सेंटर थे, लेकिन वर्तमान में यह संख्या बढ़ाकर 25 कर दी गई है। आने वाले समय में प्रत्येक जिले में ऐसे केंद्र खोलने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि दिव्यांग पेंशन योजना के तहत पेंशन राशि को 300 रूपए से बढ़ाकर 1,000 रूपए प्रति माह कर दिया गया है, जबकि कुष्ठावस्था पेंशन को 2,500 रूपए से बढ़ाकर 3,000 रूपए प्रति माह कर दिया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में दिव्यांगजनों की शिक्षा और पुनर्वास के लिए सरकार विशेष रूप से प्रयासरत है। वर्तमान में 30 विशेष विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, और 20 से अधिक नए विशेष विद्यालयों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। उत्तर प्रदेश देश का एकमात्र राज्य है, जहां दो दिव्यांग विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के तहत बेटियों की शादी के लिए अनुदान राशि को 150 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 200 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही, आय सीमा को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 46,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये और शहरी क्षेत्रों के लिए 56,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। 30 नवंबर, 2024 तक 49,409 लाभार्थियों के खातों में 98.82 करोड़ रुपये की धनराशि ट्रांसफर की जा चुकी है।
मंत्री ने कहा कि योगी सरकार का लक्ष्य दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाना और समाज में उनकी गरिमा सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी