लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हो रहे बवाल और दंगों पर रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र और राज्या की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है। अखिलेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि हां तक दंगों का सवाल है, दंगा भड़काने वाले लोग सरकार में ही बैठे हैं। सरकार में बैठे लोगों को केवल दंगों से फायदा होगा। बीजेपी जानबूझकर नफरत फैला रही है, लोगों को डरा रही है। वे वास्तविक मुद्दों के मोर्चे पर विफल रहे हैं।
अखिलेश यादव ने सपा कार्यकर्ताओं पर बवाल भड़काने के आरोपों पर कहा कि हमने नागरिकता कानून का विरोध किया है। हमने कोई तोड़फोड़ नहीं की। भाजपा के इशारे पर दंगे भड़काए जा रहे हैं। बता दें कि यूपी में गुरुवार से हो रही हिंसक घटनाओं में 15 लोगों की मौत हुई है। इसमें मेरठ के चार, फिरोजाबाद, कानपुर, संभल व बिजनौर के दो-दो तथा लखनऊ, रामपुर व मुजफ्फरनगर के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।
5,000 लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई-
डीजीपी ओपी सिंह ने रविवार को बताया कि हिंसक घटनाओं में 879 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और राज्य भर में लगभग 5,000 लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई। 135 आपराधिक मामले अब तक दर्ज किए गए हैं और 288 पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं जबकि 15 लोग हताहत हुए हैं।
लखनऊ में भारी बवाल-
बीते गुरुवार को लखनऊ में हुए भारी बवाल हुआ था। इस बवाल व पथराव में 70 से अधिक लोग घायल हो गए जिसमें से 15 पुलिसकर्मी थे। घायल पुलिसकर्मियों में एडीजी जोन एसएन साबत, एएसपी ट्रैफिक पुर्णेन्दु सिंह, सात सब इंस्पेक्टर शामिल हैं। अन्य घायलों में राहगीर, उपद्रवी हैं।
कानपुर में प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत के बाद फूंकी चौकी-
कानपुर में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत के बाद शनिवार को दोपहर तक शांति रही। इसके बाद माहौल अचानक तनावपूर्ण हो गया और यतीमखाना चौराहे पर जुटी हजारों की भीड़ उग्र हो गई। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया तो जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसके बाद भीड़ ने बेकनगंज थाने की यतीमखाना पुलिस चौकी फूंक दी।