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मेरे शहर को जलने से बचाइए साहब!

गोरखपुर। मेरे शहर को जलने से बचा लीजिए साहब, यह गुहार गोरखपुर शहर के उन तमाम आम इंसानों की थी जो शहर की गंगा-जमुनी तहजीब को चंद प्रदर्शनकारियों के पैरों तले रौंदे जाते देख रो पड़े। मामला शुक्रवार को हुए प्रदर्शन के दौरान मदीना मस्जिद चौराहे पर लगी भीड़ के दौरान का है जब एक व्यापारी एडीएम सिटी राकेश कुमार श्रीवास्तव के पास आकर कहने लगा कि “साहब मेरे शहर को जलने से बचाइए, कुछ लोग प्रदर्शन में ऐसे हैं जो बवाल कराना चाहते हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें और मेरे शहर को जलने से बचाइए”। यह कहते हुए वह व्यक्ति रोने लगा, जिससे वहां पर मौजूद तमाम लोगों की आंखें भी उस व्यक्ति की बात को सुनकर भर आई।

गोरखपुर सदियों से अमन और चैन का संदेश देने वाला शहर रहा है, यहां पर गुरु गोरखनाथ के मंदिर में जो धुनी जलती है। उसके दूसरे तरफ इमामबाड़ा स्टेट की धुनी जो बाबा रोशन अली शाह के यहां जलती है। अगर उसकी आग बुझ जाती है तो वहां से गोरखनाथ मंदिर से आग लेकर जलाई जाती है।

आज देश में सीएए और एनआरसी को लेकर जो विरोध प्रदर्शन चल रहा है उसने कहीं न कहीं देश और प्रदेश के अमन-चैन को खत्म कर दिया है। ऐसे में समाज का वह तबका जो सदियों से अपनी रोजी-रोटी के लिए हिंदू-मुस्लिम के साथ मिलकर कारोबार करता चला आ रहा है, वह प्रदेश में नफरत नहीं फैलने देना चाहते है। एडीएम सिटी राकेश कुमार श्रीवास्तव ने भी उस व्यक्ति को पूरा भरोसा दिलाया कि हम भी अमन चैन कायम रखने का प्रयास कर रहे हैं कि प्रदेश में अमन चैन कायम रहे। बहरहाल राजनीतिक चाहे जो भी रंग बदले लेकिन गोरखपुर शहर का आम इंसान आज भी शहर में अमन और भाईचारा चाहता है।

रिपोर्ट-रंजीत जायसवाल

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