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जेपीसी में शामिल विपक्षी सांसदों ने ओम बिरला को लिखा पत्र, कहा- एक पक्षीय फैसला हुआ तो…

बंगलूरू। वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में शामिल विपक्षी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा है। इस पत्र में विपक्षी सांसदों ने वक्फ विधेयक को लेकर अपने विचार रखने के लिए और समय देने की मांग की है। विपक्षी सांसद इस मुद्दे पर मंगलवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात भी कर सकते हैं।

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जेपीसी में शामिल विपक्षी सांसदों ने ओम बिरला को लिखा पत्र, कहा- एक पक्षीय फैसला हुआ तो...

विपक्षी सांसदों ने जेपीसी अध्यक्ष पर लगाए ये आरोप

विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल कथित तौर पर मनमानी कर रहे हैं और अगर उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए और समय नहीं दिया गया तो वे समिति से अपना नाम ही वापस ले लेंगे। जेपीसी में शामिल विपक्षी सांसदों में डीएमके के ए राजा, कांग्रेस के मोहम्मद जावेद, इमरान मसूद, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, आप के संजय सिंह और टीएमसी के कल्याण बनर्जी आदि का नाम है।

विपक्षी सांसदों का आरोप है कि जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल मनमाने फैसले ले रहे हैं और बैठक की तारीख तय करने और गवाहों को बुलाने में मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जेपीसी भी एक छोटी संसद की तरह है, जिसमें विपक्षी सांसदों को भी सुना जाना चाहिए न कि तय प्रक्रिया का पालन किए बगैर विधेयक को पारित नहीं कराना चाहिए। जेपीसी की बैठक में जमकर विरोध हो रहा है। भाजपा सांसदों का आरोप है कि विपक्षी सांसद जानबूझकर बिल को लटकाना चाहते हैं।

कर्नाटक में वक्फ संपत्ति विवाद में भाजपा का विरोध प्रदर्शन

कर्नाटक में किसानों की कई सौ एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड द्वारा दावा जताए जाने को लेकर राजनीति गरमा गई है। भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर सोमवार को कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर जमीन जिहाद में शामिल होने का आरोप लगाया। साथ ही विपक्षी दल ने वक्फ मंत्री जमीर अहमद खान को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की भी मांग की।

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भाजपा के विरोध प्रदर्शन के एलान के बाद कांग्रेस सरकार दबाव में दिखी और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को जारी किए गए सभी नोटिस तुरंत रद्द किए जाएं और बिना उचित सूचना के भूमि रिकॉर्ड में किसी भी अनधिकृत संशोधन को भी रद्द किया जाना चाहिए। हालांकि इसके बावजूद भाजपा ने विरोध प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया।

सीएम ने लगाया राजनीति करने का आरोप

गौरतलब है कि कर्नाटक के विजयपुरा जिले के किसानों के एक वर्ग ने आरोप लगाया कि उनकी जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है, और इसी तरह के आरोप कुछ अन्य स्थानों से भी सामने आए हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने बल्लारी में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने केआर पुरम में विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

इसी तरह, राज्य के विभिन्न हिस्सों में पार्टी के विभिन्न नेता विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। रविवार को सिद्धारमैया ने किसानों को भेजे वहीं सभी नोटिस वापस लेने के अधिकारियों को निर्देश देने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन आयोजित करने को लेकर सीएम सिद्धारमैया ने भाजपा पर निशाना साधा। सीएम ने आरोप लगाया कि उनका मकसद पूरी तरह से राजनीतिक है, किसानों के कल्याण की रक्षा में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।

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