लखनऊ। डा शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के प्रथम तल में स्थित कांफ्रेंस हाल में संभागीय परिवहन अधिकारी, लखनऊ द्वारा सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत दिव्यांगजनों हेतु ड्राइविंग लाइसेंस एवं अन्य प्रावधानों के सम्बन्ध में जागरूकता के दृष्टिगत दिव्यांगजनों हेतु ड्राइविंग लाइसेंस एवं अन्य प्रावधानों के सम्बन्ध में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के समस्त दिव्यांग शिक्षक/ कार्मिक/ विद्यार्थी इस कार्यक्रम से लाभान्वित और जागरूक हुए। वित्त अधिकारी संजय सिंह, एआरटीओ अखिलेश कुमार द्विवेदी और प्रशांत कुमार द्वारा इस कार्यक्रम में परिवहन विभाग द्वारा दिव्यांगजनो के लिए चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं से अवगत कराया गया।
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उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम दिव्यांगजनों की मुफ्त बस यात्रा के लिए स्मार्ट कार्ड बनवाने जा रहा है। यह स्मार्ट कार्ड रेडियो फ्रिक्वेंसी पहचान (आरएफआइडी) पर आधारित होंगे। बस कंडक्टर इलेक्ट्रानिक टिकट इश्यूइंग मशीन (ईटीआइएम) में जैसे ही इस कार्ड को स्वैप करेंगे जीरो मूल्य का टिकट निकल आएगा। इससे न सिर्फ दिव्यांगजनों की मुफ्त यात्रा का पूरा रिकार्ड निगम के पास रहेगा, बल्कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग से मुफ्त यात्रा की प्रतिपूर्ति में भी आसानी होगी। प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों को परिवहन निगम की साधारण बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान करती है। यह सुविधा 40 प्रतिशत या इससे अधिक की दिव्यांगता वालों को मिलती है। यदि कोई दिव्यांग 80 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगता से ग्रसित है तो उसके एक सहयोगी को सहयात्री के रूप में मुफ्त बस सेवा का लाभ मिलता है।
दिव्यांगजनों को यात्रा करते समय दिव्यांगता प्रमाण पत्र कंडक्टर को दिखाना पड़ता है। कंडक्टर इनकी यात्रा का विवरण मैनुअल दर्ज करते हैं। कई बार मैनुअल दर्ज करने में भी कंडक्टर से चूक हो जाती है। इसके अलावा प्रमाण पत्र को लेकर कंडक्टर व दिव्यांगों के बीच झिकझिक भी होती है। परिवहन निगम इन सब समस्याओं को देखते हुए अब दिव्यांगजनों की मुफ्त यात्रा के लिए स्मार्ट कार्ड बनवाने जा रहा है। इसके लिए निगम ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग से दिव्यांगजनों की सूची मांगी है। इसी सूची के आधार पर निगम स्मार्ट कार्ड बनाएगी। स्मार्ट कार्ड को लाभार्थी के आधार नंबर से जोड़ा जाएगा।
प्रत्येक यात्रा पर दिव्यांगजनों का इलेक्ट्रानिक रिकार्ड सर्वर पर दर्ज हो जाएगा। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग को भी लागिन आइडी व पासवर्ड दिया जाएगा ताकि वे भी लाभार्थियों की यात्रा का विवरण जांच सकें। इसी डाटा के आधार पर परिवहन निगम दिव्यांगजन विभाग से धनराशि वसूल करेगी। स्मार्ट कार्ड बनने से दिव्यांगजनों को सुविधा होगी। यात्रा के दौरान उन्हें केवल स्मार्ट कार्ड दिखाना होगा। पहले चरण में दिव्यांगजनों का कार्ड बनाया जाएगा। करीब एक माह में इसकी औपचारिकताएं पूरी कर कार्ड बनने शुरू हो जाएंगे। दिव्यांगजनों के बाद दूसरे श्रेणी के मुफ्त यात्रा के अनुमन्य लोगों के कार्ड बनाए जाने पर विचार किया जाएगा।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी