दिल्ली के सरकारी आवास पर पत्थर फेंके जाने का दावा करते हुए एआईएमआईएम के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि हाई सिक्यॉरिटी जोन में घर होने के बावजूद चार बार हमला हो चुका है।
सोमवार को उन्होंने इसे राजस्थान के दो मुस्लिम युवकों की हत्या से भी जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि जुनैद और नसीर को किडनैप करके जिंदा जलाया जा सकता है तो वह कौन हैं? सांसद ने यह भी कहा कि गोडसे समर्थक लोग इस हमले के पीछे हो सकते हैं, जिनके हौसले अभी बुलंद हैं।
ओवैसी ने आगे कहा, ‘यह चौथी बार मेरे घर पर हमला हुआ है। 10 कदम पर दिल्ली पुलिस का हेडक्वॉर्टर है, बाजू में चुनाव आयोग है, हाई सिक्यॉरिटी जोन है, इतने कैमरा हैं। कल डीसीपी साहब आए थे मैंने उसने कहा कि आप कैमरा में देख लीजिए, निकाल लीजिए उनको। एक बार अंदर घुकर उन्होंने हमारे घरेलू सहायक राजू को पीटा था। यूपी चुनाव के दौरान लाइव टेलिकास्ट करके पत्थर फेंके थे।’
ओवैसी ने नासीर और जुनैद की हत्या के आरोपी की पत्नी की पुलिस द्वारा पिटाई से कथित तौर पर उसके पेट में पल रहे बच्चे की मौत को लेकर भी दुख जाहिर किया और इसकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि वह जुनैद और नासीर के परिवार से मुलाकात भी करना चाहते हैं।
दो दिवसीय राजस्थान दौरे से लौटे ओवैसी ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा,’दिनदहाड़े जब जुनैद और नसीर को किडनैप करके उनको पीटकर जिंदा जला दिया जा सकता है तो मैं कौन से खेत की मूली हूं? जो भी यह कर रहे हैं उनके हौसले इसलिए बुलंद हैं क्योंकि उनको मालूम है कि उनकी पार्टी सत्ता में है। चाहे जुनैद हो, नासिर हो या जहां कहीं भी दलितों को, आदिवासियों को होता है, असदुद्दीन ओवैसी एमपी जरूर है, लेकिन उनके हौसले बुलंद हैं। उनको लगता है कि हिंसा के जरिए वह अपने अजेंडे को पूरा कर सकते हैं।’ ओवैसी ने कहा कि हमलावर गोडसे की विचाराधारा में विश्वास करने वाले हो सकते हैं।