लखनऊ। कोरोना के दृष्टिगत लखनऊ विश्विद्यालय ने सार्थक पहल शुरू की है। पूर्वांचल ग्रामीण विकास संस्थान लखनऊ तथा ह्यूमैनेटेरियन एड् इन्टरनेशनल के सहयोग से लखनऊ विश्वविद्यालय में ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर की सुविधा की जानकारी तथा विश्वविद्यालय के 200 कर्मचारियों को हाइजीन किट का वितरण किया गया। कुलपति प्रोफ़ेसर आलोक कुमार राय ने ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर बैंक के बारे में जानकारी दी। बताया कि आवश्यकता पढ़ने पर किसी भी व्यक्ति के लिए निःशुल्क कंसेन्ट्रेटर उपलब्ध कराया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन के अभाव मे कोविड मे बहुत लोगों ने अपनो को खो दिया इसको ध्यान मे रखकर आगे से ऑक्सीजन की पूर्ती के लिए उत्तर प्रदेश स्वैछिक संस्थाओ के सहयोग से जो निःशुल्क ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर बैंक की स्थापना किया जा रहा है उससे गरीब से गरीब व्यक्तिओं का सहयोग हो सकेगा, इसके लिए सांख्यिकी विभाग से मिस अदिति कुमारी मोबाईल नंबर 7668404854 को पंजीकरण एवं वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी दी गई, कार्यक्रम प्रोफ़ेसर शीला मिश्रा तथा डाक्टर विनोद सिंह कुल सचिव लखनऊ विश्वविद्यालय के समन्वय से संचालित किया गया।
इस सन्दर्भ में प्रोफ़ेसर राजीव पांडेय विभागाध्यक्ष सांख्यकी ने भी अपने विभागीय टीम के साथ बैठक कर ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर एवं हाइजीन किट के महत्व को समझाया। पूर्वांचल ग्रामीण विकास संस्थान तथा ह्यूमैनेटेरियन एड् इन्टरनेशनल द्वारा ऑक्सीजन बैंक के पहल का उददेश्य है कि अस्पतालो मे प्रवेश पाने मे असमर्थ मरीजों के घरेलु देखभाल तथा छोटे अस्पतालों/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों मे भर्ती कोरोना मरीजो के लिए आक्सिजन कंसेन्ट्रेटर के माध्यम से जीवन रक्षक सहायता प्रदान करना। पीजीवीएस के सचिव डाक्टर भानु ने बैठक के दौरान अपने सम्बोधन मे ऑक्सीजन सिलेन्डर और ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर मे अन्तर को स्पष्ट करते हुए कहा कि दोनो चीजें मरीज को आवश्यकतानुसार आक्सिजन देने के लिए की जाती है, दोनो मे ऑक्सीजन मास्क/कैनुला लगाकर दिया जाता है, सिलेन्डर मे एक सिमित मात्रा मे आक्सिजन भरा जाता है और समाप्त होने पर दुबारा भरने की आवश्यकता होती है लेकिन ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर मे आस पास के हवा से आक्सिजन खीच लेता है इसलिए इसमे बार बार भरने की आवश्यकता नही होती है।
पल्स आक्सिमिटर से नापने के बाद जिसके खून मे ऑक्सीजन का स्तर 94 प्रतिशत से कम हो जाता है। वह डाक्टर के सलाह पर इसका उपयोग कर सकता है इसमे एक फिल्टर होता है जो स्वच्छ ऑक्सीजन रोगी तक पहुंचाता है। इसका उपयोग किसी भी सांस के रोगी के लिए किया जा सकता है यह मशीन घंटो ऑक्सीजन उपलब्ध करा सकती है और इसको कभी भी दुबारा भरने की जरूरत नही है। मशीन वातावरण से ऑक्सीजन फिल्टर करके एक केनुला के माध्यम से रोगी तक पहूंचाती है, वातावरण मे 21 प्रतिशत आक्सिजन 78 प्रतिशत नाइट्रोजन तथा अन्य गैस होते है, यह वातावरण के 78 प्रतिशत नाइट्रोजन तथा अन्य गैसो को छांटकर अलग कर देती है तथा शुद्ध ऑक्सीजन एक सिलेन्डर मे स्टोर करती है जिसका उपयोग मरीज द्वारा किया जाता है। बैठक के दौरान डा. भानु ने कहा कि ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर प्राप्त करने हेतु कुछ नियम एवं शर्ते बनायी गयी है जो निम्नलिखित है।
1- ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर हेतु आवेदन आनलाइन गुगल फार्म हिन्दी अथवा अंग्रेजी मे करना होगा।
2- मरीज का चिकित्सीय परिक्षण/परामर्श किसी प्रशिक्षित डाक्टर के माध्यम से किया गया हो।
3- बंधक धनराशी के रूप मे 50000 या किसी पहचान वाले गारन्टर का होना आवश्यक है।
4- कंसेन्ट्रेटर उपयोग के बाद मशीन का सेनिटाइजेशन और मुंह मे लगाने वाला कैनुला सेट नया खरीद कर वापस करना होगा।
5- कंसेन्ट्रेटर का आवंटन 1 सप्ताह के लिए किया जायेगा तथा डाक्टर के सलाह पर समय बढ़ाया जा सकता है।
6- कंसेन्ट्रेटर के किसी प्रकार के नुकसान होने की स्थिति मे भरपाई आवेदनकर्ता या गारन्टर द्वारा करना होगा।
ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर प्राप्त करने हेतु सम्पर्क व्यक्ति
1- राघवेन्द्र सिंह 9792533601
2- सीएल बाजपेई 8429771162
3- देवेन्द्रनाथ पाण्डेय 8840596580
4- अदिति कुमारी 7668404854
5- डा. भानु प्रताप मल्ल 9936033344