नकदी संकट से जूझ रहा पाकिस्तान दीर्घकालिक संरचनात्मक सुधार के तहत स्थायी प्रोत्साहन के लिए 24वें मध्यम अवधि के बेलआउट पैकेज की मांग कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष(आईएमएफ) ने इसकी जानकारी दी। जारी बयान के मुताबिक, पिछले साल जुलाई में स्वीकृत आईएमएफ की तीन अरब अमेरिकी डॉलर की स्टैंडबाय व्यवस्था द्वारा समर्थित पाकिस्तान के स्थिरीकरण कार्यक्रम की दूसरी और अंतिम समीक्षा पर पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ कर्मचारी स्तर के समझौते पर पहुंची है।
पाकिस्तान में आर्थिक सुधार पर जोर
पिछले कार्यक्रमों की तरह चार केंद्रीय क्षेत्र सुधारों पर ध्यान केंद्रित रहेंगे। लगभग 36 से 39 महीनों के अगले मध्यम अवधि के कार्यक्रम विस्तारित फंड सुविधा का शीर्ष उद्देश्य सार्वजनिक वित्त को मजबूत करना होगा, जिसमें राजकोषीय समेकन (fiscal consolidation) और कर आधार को व्यापक बनाना शामिल है।
चार केंद्रीय क्षेत्र सुधारों पर मुख्य फोकस
अगले कार्यक्रम का दूसरा उद्देश्य लागत कम करने वाले सुधारों में तेजी लाकर ऊर्जा क्षेत्र की व्यवहार्यता को बहाल करना होगा। तीसरा मुख्य उद्देश्य मुद्रास्फीति को लक्ष्य पर लौटाना है, अधिक पारदर्शी लचीले विदेशी मुद्रा बाजार के साथ बाहरी पुनर्संतुलन और विदेशी मुद्रा भंडार के पुनर्निर्माण का समर्थन करना है। चौथा और अंतिम महत्वपूर्ण उद्देश्य निजी नेतृत्व वाली गतिविधि को बढ़ावा देना होगा, साथ ही क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार के लिए राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों (एसओई) सुधारों को आगे बढ़ाना और मानव में निवेश को बढ़ाना होगा।