औरैया जिले में भ्रूणहत्या रोकने, समान लैंगिक अनुपात स्थापित करने, बाल विवाह की कुप्रथा को रोकने, बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को प्रोत्साहन देने, बालिकाओं को स्वावलंबी बनाने एवं बालिका जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत कई तरह के कार्यक्रम कराए जाने को लेकर रणनीति बनायीं गयी। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में जागरूकता लाना है और बेटियों के घटते लिंगानुपात को बढ़ाना है।
उन्होंने निर्देशित किया गया कि परिषदीय विद्यालयों एवं सार्वजनिक स्थानों पर वॉल पेंटिंग कराकर जागरूकता फैलाई जायें। इसके अलावा ग्राम स्तरीय समितियों के माध्यम से स्टीकर तथा सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगवाए जाएं एवं बालिकाओं के संबंध में गांव में जागरूकता लाई जाए। इसके अतिरिक्त आगामी 11 अक्टूबर को होने वाले अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित कराए जाएं। एकल कन्या वाले अभिभावकों को सम्मानित किया जाए।
इसके अतिरिक्त जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक का भी आयोजन किया गया। जिसमें संस्थागत एवं गैर संस्थागत बच्चों की देखभाल करने के संबंध में निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे किशोर जो जमानत पर हैं, उनका सर्वे कराया जाए और उनकी आवश्यकता के अनुसार उनकी सहायता की जाए। इसके अलावा स्पॉन्सरशिप एवं फास्टर केयर के तहत हॉस्टल फैमिली का चयन किया जाए और पात्र पाए जाने वाले बच्चों को लाभान्वित किया जाए। जनपद में 1 से 14 वर्ष के बच्चों को चिन्हित किया जा चुका है, जिनको लाभान्वित कराने की कार्रवाई की जाएगी। बच्चों के अधिकारों तथा शोषण से बचाने के लिए एनजीओ, समाज के जागरूक लोगों, बाल संरक्षण इकाई का आपस में समन्वय होना चाहिए। जिससे समाज की मुख्यधारा से हटे बच्चों का पुनर्वास किया जा सके।
इसके साथ साथ बाल विवाह रोकथाम पर भी चर्चा की गई। यद्यपि जनपद में बाल विवाह होने की कोई अभी तक सूचना प्राप्त नहीं हुई है। परंतु इस संबंध में भी लोगों को जागरूक किया जाए कि वह किसी भी दशा में बाल विवाह ना करें और ना ही इस को प्रोत्साहन दें। यदि किसी को इस तरीके घटना पता चलती है तो है तत्काल जिला पार्षद क्षणिक आई अथवा पुलिस को सूचित करें। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की समीक्षा भी की। जिसमें उन्होंने निर्देशित किया कि ऐसे सभी विभाग जिनके यहां आवेदन पत्र सत्यापन हेतु लंबित हैं वह दो दिन में सत्यापित करते हुए पोर्टल पर फॉरवर्ड कर दें, जिससे कि पात्र आवेदकों को लाभान्वित कराने की कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा संबंधित विभागों स्वास्थ्य विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, बाल विकास पुष्टाहार विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया, साथ ही लक्ष्यों का भी निर्धारण किया गया कि वह अधिक से अधिक पात्र लोगों से आवेदन कराएं। जिससे जनपद में बच्चियों को लाभान्वित किया जा सके और उनको धनराशि भेजी जा सके। यह योजना अधिकतम दो बच्चियों अथवा एक बेटा, एक बेटी या तीसरी जुड़वा बेटी होने पर ही आवेदन हेतु पात्र माना गया है।
प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी आवेश कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत 6 श्रेणियों में कुल 15 हजार रूपये दिए जाते हैं। पहली श्रेणी में कन्या के जन्म होने पर 02 हजार रूपये, द्वितीय श्रेणी में 01 साल तक के पूर्ण टीकाकरण पर 01 हजार रूपये, तृतीय श्रेणी में कक्षा प्रथम में प्रवेश के उपरांत 02 हजार रूपये, चतुर्थ श्रेणी में कक्षा 06 में प्रवेश के उपरान्त 02 हजार रूपये, पंचम श्रेणी में कक्षा 09 में प्रवेश के उपरान्त 03 हजार रूपये,तथा षष्टम श्रेणी में कक्षा बारहवीं उत्तीर्ण करके स्नातक अथवा दो वर्षीय अथवा अधिक अवधि के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश के उपरान्त 05 हजार रूपये देने का प्रावधान है। अतः जनपद में कोई भी पात्रता की इन शर्तों को पूरा करता है तो वह है जन सेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन कर सकता है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अशोक बाबू मिश्रा, जिला विद्यालय निरीक्षक हृदय नारायण त्रिपाठी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अशोक कुमार तथा संबंधित विभागों के कर्मचारी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर