लखनऊ। राजधानी में अवैध वाहनों के संचालन का मामला बहुत ही धड़ल्ले से चल रहा है। दरअसल ई—रिक्शा, आटो, टैम्पो से लेकर अवैध कामर्शियल वाहनों का संचालन काफी जोरों पर है। जिनके लिए नियम कानून होने के बावजूद उन्हें ताख पर रख दिया गया है। केवल यही नहीं जाम की समस्या जोरों से बढने के बावजूद भी जिम्मेदारों की आँख के सामने हो रही अवैध वसूली, बगैर स्वीकृति के जगह-जगह बन रहे अवैध कामर्शियल स्टैंड राहगीरों के लिए रोड़ा बने हुए हैं। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन कोई खास कदम उठाते हुए जाम की समस्या से निजात नहीं दिला पा रहा है।
जाम का बने झाम
पुलिस कार्यवाही तो करती है, लेकिन अवैध रूप में धड़ल्ले से ग़ैर जनपदीय कामर्शियल वाहनों का संचालन तेजी से बढ़ रहा है। राजधानी के पारा, बुद्धेश्वर-मोहानरोड, पालीटेक्निक, मड़ियांव, खदरा, चिनहट तिराहा, कमता व अन्य जगहों पर अवैध रूप से चल रही सवारी गाड़ियों की वजह से जाम की समस्या बनी रहती है। इतना ही नहीं कई ई—रिक्शा गाड़ियों में तो नंबर भी नहीं पड़े हैं। इसके बावजूद ये गाड़ियां किसके परमीशन पर चल रही हैं। इन पर कौन रोक लगायेगा? ये सवाल बना हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि इनको चलाने वाले चालक बगैर डीएल के ही रोड पर दौड़ाते दिखाई पड़ते हैं। जिसकी वजह से छोटे मोटे एक्सीडेंट की घटनाएं भी बढ रही हैं।
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