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सीआरपीएफ के 4 साथ‍ियों पर चलाई गोल‍ियां

देश की सुरक्षा जवानों में बढ़ रही तनाव और आत्म​नियंत्रण की घटनाएं आजकल बढ रही हैं। इससे एक प्रश्न उठ रहा है। ऐसा क्‍यों हो रहा है इसकी वजह साफ नहीं हो पा रही है। लेक‍िन सीआरपीएफ के जवान ने अपने चार साथ‍ियों की जान लेकर सवाल खड़े कर द‍िए हैं। लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, आखिर क्यों इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है। दरअसल छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बासागुड़ा कैंप में सीआरपीएफ की 168वीं बटालियन जी-कंपनी के जवान तैनात हैं। यहां कल दोपहर के समय कुछ जवानों में दोपहर ड्यूटी को लेकर बातचीत होने लगी। मामला काफी बढ़ता गया और इस द‍ौरान शाम करीब पांच बजे फिरोजाबाद के मूल निवासी जवान संत कुमार ने अपनी इंसास राइफल उठा ली। उसके बाद उसने देखते ही देखते अपने साथि‍यों पर गोलियां बरसा दीं। इस दौरान सब इंस्पेक्टर विक्की शर्मा, एसआइ मेघ सिंह, राजवीर सिंह, शंकर राव की मौके पर ही मौत हो गई है। जबक‍ि एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया, ज‍िसे तुरंत हेलीकॉप्टर से रायपुर हॉस्‍ि‍पटल भेजा गया। आरोपी जवान संत कुमार को हिरासत में ले ल‍िया गया।
बीएसएफ जवान ने चलाई गोलियां
नवंबर में उत्तरी कश्मीर के बांडीपोर में रात को बीएसएफ के जवान रवींद्र सिंह का अपने साथी चंद्रभान पुत्र हरिचंद से क‍िसी बात को लेकर कहा-सुनी हो गई थी। बीएसएफ के एक शिविर में हुई यह कहा-सुनी इतनी ज्‍यादा बढ़ गई कि‍ जवान रवींद्र सिंह ने रात करीब साढ़े ग्यारह बजे तीन से चार राऊंड गोलि‍यां चला दी। इस दौरान हरियाणा न‍िवासी चंद्रभान छलनी हो गया था। शिविर में मौजूद जवान व अधिकारी मौके पर पहुंचे तो देखा क‍ि उसकी मौत हो चुकी थी। रवींद्र सिंह को हिरासत में लेकर उसके ख‍िलाफ 163 /2017 के तहत हत्या का मामला दर्ज हुआ था।
जवान ने मेजर पर चलाई थीं गोल‍ियां
उत्तरी कश्मीर के उड़ी सेक्टर में इसी वर्ष जुलाई में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां ड्यूटी पर मोबाइल फोन के इस्तेमाल से रोकने पर गुस्साए सेना के एक जवान ने अपने ही वरिष्ठ अधिकारी (मेजर) पर ताबड़तोड़ गोलियां दाग थीं। 19 मद्रास रेजिमेंट के नायक काठी रीसन ने अपनी एसाल्ट राइफल से 71 आर्मर्ड रेजिमेंट के मेजर शिखर थापा के शरीर में रात करीब सवा बारह बजे पांच गोलियां दाग दी थीं।
2017 के जनवरी में भी हुई थी घटना
इसी साल जनवरी में बिहार के औरंगाबाद जिले के नवीनगर-बारुण की सीमा पर लग रही बिजलीघर परियोजना में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां भी सीआइएसएफ जवान बलवीर सिंह ने अपने चार साथ‍ियों पर अपनी राइफल से 32 राउंड फायरिंग की थी। इस दौरान दो की मौके पर और दो की इलाज के दौरान मौत हुई थी। जवान को गिरफ्तार कर लि‍या गया था। इस दौरान मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई थी क‍ि जवान बलबीर सिंह मानसिक रुप से बीमार था।

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