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आवारा सूअरों व मवेशियों से लोग परेशान

औरैया। विभिन्न कस्बों के अलावा ग्रामीणांचलों में जहां एक हो अन्ना मवेशी किसान की बेशकीमती फसल को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं। जिसके चलते किसान हतोत्साहित हो चुका है। वहीं दूसरी ओर स्वच्छंद घूम रहे सूअरों के चलते लोग परेशान हैं। यह स्वच्छंद घूमने वाले सूअर कूड़े के ढेरों को फैलाकर गंदगी फैलाते हैं , वही जगह- जगह पर मल त्याग भी कर देते हैं। जिससे बीमारी को दावत दे रहे हैं। खासकर औरैया नगर में स्वच्छंद घूमने वाले सूअरों की भरमार है। जिन पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है।

इसी बात को लेकर जनता के लोगों में सूअर पालकों के प्रति आक्रोश व्याप्त है। किसानों एवं आम जनता की लोगों ने आवारा घूम रहे गोवंशों व सूअरों पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है। जनपद में प्रदेश सरकार द्वारा गोवंशों के लिए गौशालाएं खोली गई हैं। इसके बावजूद आवारा मवेशियों की भरमार है। आवारा गोवंश सड़कों एवं बाजारों में स्वच्छंद विचरण करते रहते हैं।

वहीं ग्रामीणांचलों में भी इनकी संख्या बहुतायत में है। सड़कों पर विचरण करने वाले इन गोवंशों से दुर्घटनाओं को बढ़ावा मिलता है। वहीं दूसरी ओर यह आवारा मवेशी किसानों की बेशकीमती फसल को चरकर भारी नुकसान पहुंचाते हैं। जिससे किसान अपने खेतों की रखवाली करते- करते हतोत्साहित हो चुका है। क्योंकि इन आवारा मवेशियों से वह अपनी फसल नहीं बचा पा रहे हैं। विकासखंड औरैया क्षेत्र के ग्रामीण किसान ताराचंद, श्याम सुंदर, धनीराम, राम प्रकाश, विकास कुमार, नाथूराम, अरविंद कुमार, संदीप कुमार, लज्जाराम व यतेंद्र कुमार आदि लोगों का कहना है कि आवारा मवेशियों के चलते वह लोग काफी पसोपेश में हैं, क्योंकि आवारा मवेशी उनकी बेशकीमती फसलें चरकर नुकसान पहुंचा रहे हैं।

जिनकी रखवाली कर पाना असंभव प्रतीत हो रहा है। मौका मिलते ही यह आवारा मवेशी फसलों चरकर चौपट कर देते हैं। जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उपरोक्त किसानों ने आवारा गोवंशों पर प्रतिबंध लगाए जाने की जिला प्रशासन से मांग की है। जिससे कि उनका नुकसान होने से बच सकें। इसी तरह से आवारा सूअरों का अभी खुलेआम विचरण होता रहता है। यह आवारा सूअर औरैया नगर में बहुतायत की संख्या में स्वच्छंद विचरण करते रहते हैं। जो चिंहित स्थानों पर लगे कूड़े के ढेरों को बिखेर देते हैं, तथा गंदगी को फैलाते हैं। इसके अलावा वह सड़कों व गलियों में मल त्याग भी कर देते हैं। जिससे दुर्गंध का वातावरण हो जाता है। सूअरों के द्वारा मल त्याग करने के चलते बीमारियां फैलने की भी आशंका बनी रहती है। सूअर पालको के अलावा पालिका प्रशासन भी लावारिस घूमने वाले सूअरों पर प्रतिबंध नहीं लगा रहा है। जिसके चलते दुर्घटनाएं भी होती हैं। शहर के संभ्रान्त, वरिष्ठ व बुद्धिजीवियों ने जनहित में आवारा घूम रहे सूअरों पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उठाई है।‌

रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर

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