बिधूना। एक कमरा में यदि एक साथ पांच क्लासों के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा मिल रही है तो उनकी शिक्षा की बुनियाद और पढ़ाई की गुणवत्ता पर सवाल उठना लाजिमी है। विकास खंड बिधूना के ग्राम कुसमरा में स्थित प्राथमिक विद्यालय के बच्चे कुछ इसी तरह की तकलीफों के बीच अध्ययन करने को मजबूर हैं। इस स्थित में किसी भी कक्षा के विद्यार्थियों की पढ़ाई सही से नहीं हो पा रही है।
बिधूना विकास खंड के ग्राम कुसमरा में स्थित प्राथमिक विद्यालय के भवन के जर्जर हो जाने के कारण, विद्यालय के कक्षा 1 से लेकर 5 तक के बच्चे पिछले काफी समय से एकल कक्ष में बैठकर एक साथ शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। विद्यालय का पुराना भवन जो 1960 के आसपास का बना बताया गया है जो कि जर्जर हो गिरने की हालत में है। जिसकी दीवाल में दरारें आ गयी व बारिश के दिनों में छत में सीलन आ जाती है। पानी टपकता रहता है।
अध्यापक लोग डर की वजह से पुराने भवन में बच्चों को नहीं बैठाते हैं। पंचायत प्रतिनिधियों और स्कूल के शिक्षकों द्वारा इस संबंध में कई बार उच्चाधिकारियों से शिकायत दर्ज कराने के साथ लिखित तौर पर अवगत कराया जा है। मगर बच्चों के अलग-अलग कक्ष में बैठने की इस समस्या का अभी तक समाधान नहीं हुआ है। जिसके चलते अब कुछ अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर भी चिंतित हैं। क्योंकि एक कक्ष में 5 कक्षाओं के बच्चों को बैठाकर कैसे पढ़ाई की जा सकती है। जिस कारण अभिभावकों का मानना है कि अगर उनके बच्चों की पढ़ाई की प्रारंभिक नींव ही ठीक नहीं होगी तो वह आगे न कुछ समझ सकेंगे और न कुछ कर सकेंगे।
पढ़ाई की नींव ही कमजोर, तो क्या सीखेंगे बच्चे – ग्राम पंचायत कुसमरा के मजरा कोठी निवासी अभिभावक इंद्रजीत सिंह ने कहा कि एक कमरे में सभी कक्षाएं लगने से बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही। इस कारण बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। उनका कहना है कि जल्द ही छात्र-छात्राओं की कक्षावार बैठने की उचित व्यवस्था नहीं की गई तो वे स्कूल से बच्चों को निकालने पर विवश हो जाएंगे।
कुसमरा निवासी राघवेंद्र सिंह व आलोक कुमार ने कहा कि सरकार स्कूलों के लिए कई योजनाएं चला रही है, बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की ओर काफी ध्यान दिया जा रहा है। मगर यहां स्कूल के बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ाई कर रहे हैं, अव्यवस्थाओं के बीच शिक्षा पा रहे विद्यार्थियों की शिक्षा का स्तर बेहतर नहीं हो पा रहा। कहा कि एकल कक्ष में एक कक्षा के बच्चों को शिक्षक पढ़ा रहे हैं, तो वहीं दूसरी अन्य कक्षा के बच्चे मस्ती कर रहे हैं। यह पढ़ाई के नाम पर खिलवाड़ जैसा दिखता है।
विद्यालय में 47 छात्र, 4 अध्यापक – विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश सिंह ने बताया की विद्यालय में उनके अलावा सहायक अध्यापक शशांक पाल एवं शिक्षा मित्र उर्मिला देवी व सर्वेश सिंह नियुक्त है। विद्यालय का भवन काफी पुराना और जीर्ण शीर्ण होने की वजह से बच्चों को एकल कक्ष में बैठा कर अध्ययन करवाते है। कार्य थोड़ा मुश्किल जरूर है, मगर सुरक्षित है। क्योंकि बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। उम्मीद है जल्द ही बच्चों को अध्ययन हेतु कुछ और नई कक्षाएं मिलेंगी।
रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन