अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत को एक महत्वपूर्ण पहल करार दिया है. आईएमएफ ने यह बात गुरुवार को कही है. एक न्यूज कॉन्फे्रंस में आईएमएफ के कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के निदेशक गेरी राइस ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत ऐलान किए गए आर्थिक राहत पैकेज से भारतीय अर्थव्यवस्था को बल मिला है. साथ ही अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 का असर भी कम हुआ है. इसे हम एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देख रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत योजना से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि पीएम ने इसका ऐलान करते हुए कहा था कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की अहम भूमिका होगी. इसके तहत उन नीतियों को लागू किया जाएगा, जिससे अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण पहलुओं को दक्ष और प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी.
राइस ने कहा कि भारत का लक्ष्य दुनिया के लिए उत्पादन करने का है. इसके लिए नीतियों को ध्यान केंद्रित करने की वरीयता दी जा रही है और वैश्विक वैल्यू चेन में भारत की भूमिका बढ़ जाएगी. इसमें ट्रेड, इन्वेस्टमेंट और टेक्नोलॉजी शामिल होंगे.
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के साथ आईएमएफ की ज्वाइंट स्टडी से पता चलता है कि स्वास्थ्य संबंधी सतत विकास के लिए उच्च परफॉर्मेंस के लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत को हेल्थ सेक्टर पर कुल खर्च को बढ़ाना होगा. वर्तमान में हेल्थ सेक्टर में भारतीय सकल घरेलू उत्पादन यानी जीडीपी का 3.7 प्रतिशत खर्च किया जाता है.
उन्होंने कहा कि हेल्थ सेक्टर के अलावा अन्य ढांचागत रिफॉर्म की जरूरत है ताकि मध्यावधि में बेहतर इनक्लुसिव और सतत विकास संभव हो सके. उन्होंने कहा कि हमने पहले भी ऐसे रिफॉम्सज़् की बात की है. इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर, लैंड रिफॉम्र्स, प्रोडक्ट मार्केट, लेबर मार्केट, श्रम बल में महिलाओं का योगदान, नौकरी और फाइनेंस तक महिलाओं की पहुंच बनानी जरूरी है.