लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने रेडियो कार्यक्रम ‘Mann Ki Baat’ का 52वां संस्करण पूरा किया। पीएम मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामी जी का जिक्र करते हुए कर्नाटक सिद्धगंगा मठ के स्वामी डॉ. श्री श्री श्री शिवकुमार जी के निधन पर दुख जताया।
गौरतलब हो,30 दिसंबर 2018 को पीएम मोदी ने “मन की बात” कार्यक्रम के जरिये देशवासियों से प्रयागराज में चल रहे कुंभ में जाने की अपील की थी।उन्होंने कहा था कि हमारी संस्कृति की कई बातों पर हम गर्व कर सकते हैं।, उनमें एक है कुंभ मेला।
भारत की धरती पर कई महापुरुषों ने जन्म लिया
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की धरती पर कई महापुरुषों ने जन्म लिया है। ऐसे ही महापुरुषों में से एक थे,नेताजी सुभाष चन्द्र बोस। 23 जनवरी को उनकी जन्म जयन्ती के मौके पर लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान नेताजी के परिवार के सदस्यों ने एक बहुत ही खास टोपी मुझे भेंट की। कभी नेताजी उसी टोपी को पहना करते थे। मैंने उस टोपी को संग्रहालय में रखवा दिया। जिससे वहां आने वाले लोग उस टोपी को देखें और उससे देशभक्ति की प्रेरणा लें।
नेताजी सुभाष बोस ने 75 साल पहले तिरंगा
उन्होंने कहा कि 30 दिसंबर को मैं अंडमान और निकोबार द्वीप गया था। एक कार्यक्रम के दौरान उस स्थान पर तिरंगा फहराया गया,जहां कभी नेताजी सुभाष बोस ने 75 साल पहले तिरंगा फहराया था। कई वर्षों से यह मांग उठती रही कि नेता जी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक किया जाए। मुझे खुशी है,यह काम वर्तमान सरकार में पूरा किया गया।
युवा वोट जरूर डालें
पीएम मोदी ने आगामी लोकसभा चुनाव के संबंध में देशवासियों से वोट डालने की अपील करते हुए कहा कि विशेष तौर पर देश के युवा मतदाओं से अपील की कि वे खुद को मतदाता के रूप में जरूर पंजीकृत कराएं और वोट डालें। उन्होंने चुनाव आयोग की सराहना करते हुए कहा, मैं चुनाव आयोग के बारे में बात करना चाहता हूं जो हमारे देश की सबसे महत्वपूर्ण संस्था है,जो हमारे गणतंत्र से भी पुरानी है। 25 जनवरी को चुनाव आयोग का स्थापना दिवस था। जिसे ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
मन चंगा तो कठौती में गंगा
पीएम मोदी ने कहा 19 फरवरी को रविदास जयंती है। वाराणसी में जन्में गुरु रविदास जी के दोहे बहुत प्रसिद्ध हैं। संत रविदास जी ने अपने संदेशों के माध्यम से अपने पूरे जीवनकाल में श्रम और श्रमिक की अहमियत को समझाने का प्रयास किया। संत रविदास कहते थे कि ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा।’