लखनऊ। डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग की ओर से आज विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर कुलपति महोदय आचार्य संजय के निर्देश पर विभागाध्यक्ष प्रो यशवंत वीरोदय के संयोजकत्व में अपराह्न पांच बजे से एक ऑनलाइन काव्य गोष्ठी संपन्न हुई।
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इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुल 64 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग लिया। इस कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप में अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति, न्यू जर्सी चैप्टर के अध्यक्ष एवं अप्रवासी साहित्यकार रामबाबू गौतम ने विद्यार्थियों को उदबोधन प्रदान करते हुए कहा कि “मैं पिछले 16 वर्षों से अमेरिका में रहकर हिंदी की सेवा कर रहा हूं। हिंदी विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा की महत्ता और उसके वैश्विक प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित है। इसका उद्देश्य हिंदी को वैश्विक स्तर पर एक सम्मानजनक स्थान दिलाना है।”
इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक एवं साहित्यकार डॉ अमित कुमार राय ने कहा कि हिंदी जो दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। चंद्रधर शर्मा गुलेरी की अमर कृति चंद्रकांता को पढ़ने के लिए विदेशियों ने हिंदी सीखी।यह विदेश में हमारी पहचान का जरिया भी है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता नार्वे के अप्रवासी साहित्यकार एवं पत्रकार सुरेश चंद्र शुक्ल ‘शरद आलोक’ ने किया।
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग के अध्यक्ष प्रो यशवंत वीरोदय ने एवं काव्य पाठ का सफ़ल संचालन डॉ सुधा मौर्य ने किया। विश्वविद्यालय ने इस कार्यक्रम के माध्यम से वैश्विक परिदृश्य पर हिंदी की महत्ता को रेखांकित कर उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।