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योगी की ठोक देने वाली भाषा को पुलिस ने आम आदमी पर अपनाना शुरू कर दिया: रोहित अग्रवाल

लखनऊ। रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित अग्रवाल ने गोरखपुर की घटना पर अफसोस जताते हुये कहा कि उप्र. में कानून व्यवस्था एकदम लुंज पुंज है। अभी चंद दिनों पहले गोरखपुर में होटल कृष्णा पैलेस रूम न.-512 में पुलिसिया अत्याचार से हुयी व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या मानवता को शर्मसार करने वाली हृदयविदारक घटना है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि पुलिस वालों का किसी व्यक्ति को इस तरह से पीट पीटकर मार डालना और घटना पर पर्दा डालने के लिए यह कहना कि उनके पास आईडी नहीं थी और भागने लगे जिससे वह सीढ़ी से गिर गये और उनकी मौत हो गयी जो बाते एक दम बनावटी और असत्य हैं।

मृतक की पत्नी जब घटना स्थल पर पहुंची तो वहां सारे सबूत मिटा दिये गये थे और उसके कमरे को सील भी नहीं किया गया जहां हत्या हुयी थी जबकि प्रथम दृष्टया यही होता है कि जगह को सील कर दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि इससे और शर्मसार बात यह है कि जिले के मुखिया डीएम एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा मृतक की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता को बिठाकर यह कहना कि मुकदमा लिखने से कुछ नहीं होगा सालों कोर्ट कचेहरी के चक्कर लगाने पड़ेगे। वह चिल्लाती रही कि मेरे पति का खून हुआ और जिले के सम्भ्रान्त अधिकारी मुकदमा न लिखने की बात कहते रहे।

श्री अग्रवाल ने कहा कि दोषी 6 पुलिस कर्मी जिसमें तीन नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ बाद में एफआईआर लिखी गयी। काफी समय बीत जाने के बाद भी यह पुलिसकर्मी गिरफ्तार नहीं हुये और किसी भी दबिष में जो पुलिसकर्मी जाते हैं उनका नाम के पेपर्स (रवानगी) बनते हैें जिनमें उनका नाम होता है। तीन पुलिस कर्मियों को अज्ञात लिखना संदेह के घेरे में आता है।

मुख्यमंत्री का जनपद होते हुये भी इस तरह की घटना जिसमें जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कहते है कि मुकदमा लिखने से कुछ नहीं होगा और पुलिसवालों की गिरफ्तारी न होना यह कानून व्यवस्था और वहां की कार्यषैली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। योगी जी की ठोक देने वाली भाषा शायद पुलिस वालों ने आम आदमी पर अपना लिया है क्योंकि बहुत सारी घटनाएं हुयी जिसमें लोगों के घर गिरा दिये गये तो इन पुलिस वालों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गयी इससे प्रतीत होता है कि इस मामले को दबाने में राजनैतिक और प्रषासनिक संरक्षण प्राप्त है। जिससे इस तरह की घटनाओं का पर्दाफाश न हो सके।

उन्होंने सरकार से मृतक के परिजनों को नौकरी और सारी सुख सुविधाओं के साथ 2 करोड़ रूपये का आर्थिक मुआवजा तथा इस मामले की सीबीआई जांच कराये जाने की मांग की है जिससे इस घृणित घटना का खुलासा एवं ऐसी घटनाओं में लिप्त रैकेट का जनता के सामने पर्दाफाश हो सके।

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