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गरीब कल्याण रोजगार योजना: 6 राज्यों का चयन, प्रवासी मजदूरों को रेलवे भी देगा काम

कोरोना वायरस के बाद देश में जारी लॉकडाउन के बीच अपने-अपने रोजगार से हाथ धो बैठा मजूदर वर्ग अब अपने-अपने गांव-शहर वापस लौट चुके हैं. ऐसे में उनके सामने सबसे बड़ा सवाल रोजगार का आ खड़ा हुआ है. ऐसे में इन मजदूरों की आर्थिक समस्याओं को दूर करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत 6 राज्यों के 116 जिलों के प्रवासी श्रमिकों को काम दिया जाएगा. श्रमिकों को 125 दिनों के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा, जिसे मिशन मोड में चलाया जाएगा. इसके लिए सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपए का इंतजाम किया है.

लॉकडाउन के चलते अपने रोजगार से हाथ धो बैठे इन मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा. पीएम मोदी ने मिशन मोड में चलाए जा रहे इस अभियान के बारे में बताया कि खगडिय़ा से शुरू हो रहा गरीब कल्याण रोजगार अभियान प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया अभियान है.

रेलवे 125 दिनों में 1800 करोड़ खर्च करेगा

रेलवे ने 31 सितंबर, 2020 तक अगले 125 दिनों में 1800 करोड़ रुपये की लागत के प्रवासियों और अन्य लोगों के लिए रोजगार के अवसर के 8 लाख श्रमिकों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.

इन राज्यों का चयन

बता दें इस योजना के लिए जिन 6 राज्यों का चयन किया गया है, उनमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, ओडिशा और झारखंड शामिल हैं. ये वे राज्य हैं, जहां लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक संख्या में मजदूरों ने पलायन किया है. इन राज्यों में भी जिलेवार चयन किया गया है.

ये होंगे जरूरी कागज और शर्ते

-इस योजना का लाभ लेने वाला नागरिक उसी राज्य का होना चाहिए जहां योजना क्रियान्वित है.

– व्यक्ति के पास आधार कार्ड होना भी अनिवार्य है.

– काम पाने वाले नागरिक को अपना निवास प्रमाण पत्र भी दिखाना होगा.

– इस योजना के तहत सिर्फ 18 साल से अधिक लोगों को ही काम दिया जाएगा.

– कामगारों को उनके स्किल के अनुसार दिया जाएगा काम.

– गरीब कल्याण रोजगार अभियान की मुख्य बातें-

– गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत श्रमिकों को मनरेगा के तहत काम मिलेगा. जिसकी दैनिक मजदूरी 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए कर दी गई है. इस योजना के तहत श्रमिकों को 125 दिनों तक के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.

– इस अभियान के तहत 6 राज्यों के 116 जिलों का चयन किया गया है. ये वे जिले हैं, जहां सबसे अधिक प्रवासी श्रमिक वापस आए हैं. इनमें बिहार के 32 जिले, उत्तर प्रदेश के 31 जिले, मध्य प्रदेश के 24 जिले, राजस्थान के 22 जिले, ओडि़शा के 4 और झारखंड के 3 जिले शामिल हैं.

– इस अभियान के तहत ग्रामीण विकास, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, रेलवे, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि के क्षेत्र में श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.

– यह अभियान मिशन मोड में चलाया जाएगा. जिसमें काम करने वाले श्रमिकों को राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा भुगतान किया जाएगा.

–  जिन श्रमिकों को राज्य सरकार वापस लेकर आई है, या अन्य साधनों से उन्हें वापस भेजा गया है, उनकी सूची पहले से ही सरकार के पास है और इसी के आधार पर श्रमिकों को काम दिया जाएगा.

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