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प्रत्येक माह नौ तारीख को प्रसव केंद्रों में होती है प्रसव पूर्व जांचें

उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को किया चिन्हित

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में गर्भवती की जांचें हुई

प्रसव पूर्व पांच प्रमुख जांचों के साथ ही दवाएं प्रदान की गई
 

औरैया। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत शुक्रवार को जिला स्तरीय चिकित्सालय, ब्लाक स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती की प्रसव पूर्व पांचें जांचें कर परामर्श दिया गया। जोखिम भरी गर्भावस्था (एचआरपी) से गुजरने वाली गर्भवती को खानपान का ध्यान रखने और नियमित तौर पर चेकअप कराकर डॉक्टर के परामर्श पर दवाएं लेने की सलाह दी गई।

बता दें कि प्रत्येक माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिला स्तरीय चिकित्सालय के साथ-साथ ब्लाक स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं की जांच कर उन्हें परामर्श और दवाएं देने के साथ ही उनकी ब्लड, यूरिन, ब्लड प्रेशर की जांच करने के साथ ही वजन और अल्ट्रासाउंड किया जाता है। सभी जांचें नि:शुल्क होती हैं।

इसी क्रम में शुक्रवार को आयोजित हुए इस दिवस के मौके पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अयाना में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं आरसीएच नोडल डॉ शिशिर पुरी ने महिलाओं को फल दिये । इस दौरान महिलाओं को डाइट में जूस, बिस्कुट व नमकीन दिए गए। महिलाओं को परिवार नियोजन के लाभ भी बताए गए। इसके साथ ही गर्भवती की जांचें की गई। ऐसी महिलाओं को आयरन, कैल्शियम की टैबलेट दी गई। कुछ महिलाओं को आयरन सुक्रोज भी चढ़ाया गया। परिवार नियोजन सलाहकार ने महिलाओं की काउंसिलिंग की। डॉ पुरी ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। प्रसव पूर्व जांचों से जोखिम भरी गर्भावस्था के बारे में जानकारी मिल जाती है, इससे ऐसी महिलाओं की समय-समय पर काउंसिलिंग भी होती रहती है ताकि उनका सुरक्षित तरीके से प्रसव कराया जा सके।

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता अखिलेश कुमार ने बताया कि प्रत्येक माह की नौ तारीख को प्रत्येक प्रसव केंद्र में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता है। इस दिन गर्भवती की पांच जांचें हीमोग्लोबिन, यूरिन, ब्लड प्रेशर, एचआईवी, सिपलिस, वजन और आवश्यकता पड़ने प अल्ट्रासाउंड कराया जाता है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को सभी केंद्रों में लगभग 1080 महिलाओं की जांचें हुई, जिसमें 109 महिलाएं जोखिम भरी गर्भावस्था वाली मिली हैं।

आशा कार्यकर्ता ने जांच को किया प्रोत्साहित

अयाना सीएचसी जांच कराने पहुंची कमलेश देवी, सन्ध्या देवी आदि का कहना था कि प्रत्येक माह की नौ तारीख को होने वाले इस कार्यक्रम के बारे में आशा कार्यकर्ता से जानकारी मिली थी। उन्हीं ने जांच को प्रोत्साहित किया था।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर 

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