गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से प्रिंसिपल का कमरा आग की भेंट चढ़ गया। जिससे कमरे में रखे महत्वपूर्ण कागजात जलकर राख हो गये। बीआरडी मेडिकल कालेज में हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। फिलहाल आग लगने की वजह का पता नहीं चला है। पिछले साल अगस्त में 72 घंटों के भीतर 63 बच्चों की मौत के बाद गोरखपुर मेडिकल कॉलेज सुर्खियों में आया था। इस दौरान आरोप लगाया गया था कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते बच्चों ने दम तोड़ दिया था।
बीआरडी में हादसे के बाद फिर हादसा
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की चार सदस्यीय कमेटी ने गोरखपुर के बीआरडी कॉलेज में हुए बच्चों की मौत के जिम्मेदार लोगों और हादसे के दोषियों की पहचान कर अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी। इस रिपोर्ट में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और डॉ कफील खान सहित 4 लोगों को दोषी ठहराया गया था। मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने मुख्य सचिव की कमेटी की अनुशंसाओं को स्वीकार करते हुए कड़ी कार्रवाई करने के आदेश जारी किये थे। जिसके बाद अब फिर दूसरा हादसा हो गया। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म पुष्पा सेल्स के संचालकों, प्रधानाचार्य डॉक्टर राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी समेत सात से अधिक कर्मचारियों-डॉक्टरों को इस मामले में नामजद किया गया था। उनके खिलाफ लापरवाही, भ्रष्टाचार और गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ है।
रिपोर्ट- रंजीत जयसवाल