राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का नागपुर में समापन हुआ। बैठक में Indian languages और बोलियों की खत्म होने की कगार पर पहुंच रहे स्थिति को सुधारने के विषय पर प्रस्ताव सामने रखा गया। बैठक में 1461 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। अवध प्रांत से भी काफी संख्या में प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। देश में प्रचलित विभिन्न भाषाओं एवं बोलियों के संरक्षण व संवर्धन के संबंध में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को प्रतिनिधियों की ओर से पारित किया गया।
- आज देश की अनेक भाषाएं और बोलियां विलुप्त हो चुकी हैं और कई का अस्तित्व संकट में है।
- इसलिए देश की विविध भाषाओं एवं बोलियों के संरक्षण व संवर्धन के समुचित प्रयास किए जाने अत्यंत आवश्यक हैं।
40 Indian languages खत्म होने की कगार पर और 250 विलोपित
डेक्कन हेराल्ड के छपे 18 फरवरी 2018 के अंक के अनुसार भारत की 40 बोलियां विलोपन की कगार पर हैं। भारत में 197 भारतीय भाषाएं और बोलियां संकटापन्न हैं। विगत 50 वर्षों में 250 भाषाएं या बोलियां पूर्णतः विलोपित हुई हैं। 2004 में किए गए एक वैश्विक आंकलन के अनुसार ऐसा सामने आ रहा है कि वर्ष 2050 तक चलन में मौजूद भाषाओं में से 90% भाषाएं और बोलियां विलुप्त हो सकती हैं।
- ऐसा अनुमान है कि प्रतिवर्ष 10 भाषाएं अथवा बोलियां विलुप्त हो सकती हैं।
- आज विश्व में 6,000 भाषायें व बोलियां बोली जा रही हैं, जिनमें से आधे अपने अस्तित्व के लिए संघर्षरत हैं।
- एक अनुमान के अनुसार मानव सभ्यता के इतिहास में 30,000 भाषाएं विलुप्त हो गई हैं।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बहुविध ज्ञान को सीखने की समर्थक
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बहुविध ज्ञान को अर्जित करने के लिए विश्व की विभिन्न भाषाओं को सीखने की समर्थक है। लेकिन भारत जैसे बहुभाषी देश में हमारी संस्कृति के संवाहक सभी भाषाओं के संरक्षण व संवर्धन को परम आवश्यक मानती है। प्रतिनिधि सभा सरकारों, स्वैच्छिक संगठनों, जनसंचार माध्यमों, पंथ संप्रदायों के संगठनों, शिक्षण संस्थानों व प्रबुद्धजनों सहित संपूर्ण समाज से आग्रह करती है कि हमारे दैनंदिन जीवन में भारतीय भाषाओं के उपयोग एवं उनके व्याकरण, शब्द चयन, लिपि आदि में परिशुद्धता सुनिश्चित करते हुए उनके संवर्धन का हर संभव प्रयास करें।
विश्व के 41 देशों में चल रही हैं शाखाएं
आरएसएस देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी तेजी से वृद्धि कर रही है। देश भर में इस समय 58,962 तथा अवध प्रांत में 1,308 दैनिक शाखाएं चल रही हैं।
- जबकि भारत के अतिरिक्त विश्व के अन्य 41 देशों में 1,199 शाखाएं चल रही हैं।
- जिसमें अरब के 6 देशों में भी 511 शाखाएं चलतीं हैं।
- प्रेस वार्ता को संघ के अवध प्रांत के सह प्रान्त कार्यवाह प्रशांत भाटिया ने संबोधित किया।
- मंच पर साथ में अवध प्रान्त प्रचार प्रमुख डॉ. अशोक दुबे भी उपस्थित रहे।