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महालया श्राद्ध एवं पितृ पक्ष विशेष में पितृ तर्पण से मिलता पितृ दोष से छुटकारा : पं. आत्माराम पांडेय

पितृ दोष, आज हम जानते हैं क्यों हमारे घर में सब कुछ होते हुए हम चीजों से सुख नहीं ले पाते यह में सुख शांति नसीब नहीं हो पाते जो कुछ भी हमारे पास है आइए उन कारणों को जानते हैं और दूर करें ताकि हम अपनी जिंदगी को सुखपूर्वक जी सकें। घर में पितृ दोष होगा तो घर के बच्चे की शिक्षा, दिमाग, बाल, व्यवहार पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता।

जिन जातकों को पितृ दोष होता है उनके लिए इस दिन का बहुत महत्व है , बहुत से कारण होते है की हमारे अपने पितरों से सम्बन्ध अच्छे नहीं हो पाते, कारण, आपके जीवन में रुकावटें, परेशानियाँ और क्या नहीं होता । इसीलिए इस दिन की गयी पूजा आपको लाभ पंहुचा सकती है।

पितृ दोष कही न कही अनेको दोषों को उत्पन्न करने वाला होता है जैसे की वंश न बढ़ने का दोष, असफलता मिलने का दोष, बाधा दोष और भी बहुत कुछ। तो इन दिनों में की गयी पूजा और तर्पण अगर विधि विधान और मन लगाकर किया जाए तो अच्छे फल देने वाली सिद्ध होती है।

बालो पर सबसे पहले प्रभाव पड़ता है, जैसे कि समय से पहले बालों का सफ़ेद हो जाना, सिर के बीच के हिस्से से बालों का कम होना, हर कार्य में नाकामी हाथ लगाना, घर में हमेशा कलह रहना, बीमारी घर के सदस्यों को चाहे छोटी हो या बड़ी घेरे रखती है, यह सब लक्षण पितृ दोष घर में है इसको बताते है। और अगर घर में पितृ दोष है तो किसी भी सदस्य को सफलता आसानी से हाथ नहीं लगती।

पितृ दोष कुंडली में है अगर, तो कुंडली के अच्छे गृह उतना अच्छा फल जितना उन्हें देना चाहिए। घर के सभी लोग आपस में झगड़ते है, घर के बच्चों के विवाह देरी से होते है, और काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है विवाह करने में, घर में धन ना के बराबर रुकेगा अगर पितृ दोष हावी है तो, बीमारी या फिर क़र्ज़ देने में धन चला जायेगा जुडा हुआ धन, पुरानी चीजे ठीक कराने में धन निकल जायेगा पर रकेगा नहीं।

परिवार की मान और प्रतिष्ठा में गिरावट आती है,  पितृ दोष के कारण घर में पेड़-पौधे या फिर जानवर नहीं पनप पाते। घर में शाम आते आते अजीब सा सूनापन हो जायेगा जैसे की उदासी भरा माहौल, घर का कोई हिसा बनते बनते रह जायेगा या फिर बने हुए हिस्से में टूट-फुट होगी, उस हिस्से में दरारे आ जाती है।

घर का मुखिया बीमार रहता है , रसोई घर के अस – पास वाली दीवारों में दरार आ जाते है । जिस घर में पितृ दोष हावी होता है उस घर से कभी भी मेहमान संतुष्ट होकर नहीं जायेंगे चाहे आप कुछ भी क्यूँ न कर ले या फिर कितनी ही खातिरदारी कर ले, मेहमान हमेशा नुक्स निकाल कर रख देंगे यानी की मोटे तौर पर आपकी इज्ज़त नहीं करेंगे।

घर में चीजे और साधन होते हुए भी घर के लोग खुश नहीं रहते। जब पैसे की जरुरत पड़ती है तो पैसा मिल नहीं पाता। ऐसे घर के बच्चों को उनकी नौकरी या फिर कारोबार में स्थायित्व लम्बे समय बाद ही हो पाता है, बच्चा तेज़ होते हुए भी कुछ जल्दी से हासिल नहीं कर पायेगा ऐसी परिस्थितियाँ हो जायेंगी।

जिस घर में पितृ दोष होता है उस घर में भाई-बहन में मन-मुटाव रहता ही रहता है, कभी कभी तो परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती है की कोई एक दूसरे की शकल तक देखना पसंद नहीं करता। पति-पत्नी में बिना बात के झगडा होना भी ऐसे घर में स्वाभाविक है, जिस घर में पितृ दोष हो।

ऐसे घर के लोग जब एक दूसरे के साथ रहेंगे तो हमेशा कलेश करके रखेंगे परन्तु जैसे ही एक दुसरे से दूर जायेंगे तो प्रेम से बात करेंगे।

घर में स्त्रियों के साथ दुराचार करना, उन्हें नीचा दिखाना, उनका सम्मान न करने से शुक्र गृह बहुत बुरा फल देता है जिसका असर आने वाली चार पीड़ियों तक रहता है। तो शुक्र गृह भी पित्र दोष लगाता है कुंडली में!

जिस घर में जानवरों के साथ बुरा सुलूक किया जाता है उस घर में पितृ दोष आना स्वाभाविक है। और जो जानवरों के साथ बुरा सुलूक करते है वह ही नहीं अपितु उनका पूरा परिवार और उनकी संतान पर पितृ दोष के बुरे प्रभाव के हिस्सेदार जाने-अनजाने में बन जाते है।

जिस घर में विनम्र रहने वाले व्यक्ति का अपमान होता है वह घर पितृ दोष से पीड़ित होगा, साथ में जो लोग कमजोर व्यक्ति का अपमान करेंगे वह भी पितृ दोष से प्रभावित होंगे। जमीन हथियाने से, हत्या करने से पित्र दोष लगेगा।

जो लोग समाज-विरॊधि काम काम करेंगे उनका बृहस्पति खराब होकर उनकी कई पीड़ियों तक पितृ दोष देता रहता है। बुजुर्गों का अपमान जहा हुआ वह समझिये पितृ दोष आया ही आया। सीड़ियों के निचे रसोई या फिर सामान इक्कठा करने का स्टोर बनाने से पितृ दोष लगता है।

मित्र या प्रेमी को दोख देने से पितृ दोष लगता है, शेर-मुखी घर में रहने वाले लोगो को पितृ दोष के दुष्प्रभाव झेलने पड़ते है। शेर-मुखी ऐसा घर होता है जो शुरू शुरू में चौड़ा होता है परन्तु जैसे जैसे आप घर के अंदर जाते जायेंगे वह पतला होता चला जाता है।

पितृ श्राद्ध आरम्भ
पूर्णिमा श्राद्ध – 20/9/2021, सोमवार
1 प्रतिपदा श्राद्ध – 21/9/2021 मंगलवार
2 द्वितीया श्राद्ध – 22/9/2021 बुधवार
3 तृतीया श्राद्ध- 23/9/2021 गुरूवार
4 चतुर्थी श्राद्ध- 24/9/2021 शुक्रवार
5 पंचमी श्राद्ध- 25/9/2021 शनिवार (10:37 उपरांत) या
6 पंचमी श्राद्ध- 26/9/2021,रविवार (13:05 से पूर्व)
7 षष्ठी श्राद्ध- 27/9/2021, सोमवार
8 सप्तमी श्राद्ध- 28/9/2021 मंगलवार
9 अष्टमी श्राद्ध-29/9/2021 बुधवार जीवित्पुत्रिका(जीउतिया) व्रत
10 नवमी श्राद्ध,मातृ नवमी, जीवित्पुत्रिका व्रत का पारण 30/9/2021 गुरूवार
11 दशमी श्राद्ध- 1/10/2021 शुक्रवार
12एकादशी श्राद्ध-2/10/2021 शनिवार
13 द्वादशी श्राद्ध- 3/10/2021 रविवार
14त्रयोदशी श्राद्ध- 4/10/2021 सोमवार
15चतुर्दशी श्राद्ध- 5/10/2021 मंगलवार
16 सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध 6/10/2021 बुधवार

?जातक संपर्क सूत्र – 09838211412, 08707666519, 09455522050 से अपॉइंटमेंट लेकर संपर्क करें।

पं. आत्माराम पांडेय

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