तिरुवंतपुरम: केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने गुरुवार को एक बार फिर पिनरई विजयन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर हमला बोला। उन्होंने सरकार पर अप्रैल में हुए त्रिशूर पूरम में बाधा डालने का आरोप लगाया। साथ ही घटना की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की चुनौती दी।
दरअसल, भाजपा के कुछ नेताओं ने आरोप लगाया था कि गोपी उत्सव स्थल पर एंबुलेंस से पहुंचे थे। इन आरोपों का खंडन करते हुए उन्होंने दावा किया कि वह अपनी कार से उत्सव स्थल के करीब पहुंचे थे, जिस पर प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के कुछ ‘गुंडों’ ने हमला कर दिया था। इस पर वहां कुछ युवाओं ने उन्हें बचाया और एंबुलेंस में बैठा दिया, जो संकट में लोगों की मदद के लिए उत्सव स्थल पर खड़ी थी।
सीबीआई आकर जांच करें: मंत्री
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा, ‘मुझे इसे और बताने की जरूरत नहीं है। सीबीआई को आकर जांच करने दीजिए। क्या उनमें सीबीआई लाने का साहस है। अगर ऐसा हुआ तो उनकी पूरी राजनीति जलकर राख हो जाएगी। आप चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए, तो सीबीआई को लाइए।’
उन्होंने आगे दावा किया कि ये सभी मुद्दे करुवन्नूर सहकारी बैंक घोटाले जैसी वित्तीय धोखाधड़ी को छिपाने के लिए बनाए जा रहे हैं।
एसआईटी रिपोर्ट के बाद पुलिस ने दर्ज किया मामला
त्रिशूर पूरम में बाधा डालने का मामला राज्य में राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गया है। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा था कि पूरम और अन्य समारोह नहीं रोके गए। माकपा के राज्य सचिव एम.वी.गोविंदन ने भी इसी बात को दोहराया था। हालांकि, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने मुख्यमंत्री की बातों पर असहमति जताई है। इस बीच, त्रिशूर पूर्व पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के बाद त्रिशूर पूरम में बाधा डालने का मामला दर्ज किया है।
पूरम बाधित नहीं हुआ, अतिशबाजी में थोड़ी देरी हुई: मुख्यमंत्री
वहीं, मुख्यमंत्री विजयन ने कहा था कि त्रिशूर पूरम में कोई बाधा नहीं आई, जैसा कि विपक्ष ने आरोप लगाया है। उन्होंने यूडीएफ पर अत्यधिक दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री ने कहा था, सरकार हमेशा यही मानती रही है कि पूरम बाधित नहीं हुआ। लेकिन कुछ चीजें जटिल बनाने की कोशिश की गई। पूरम में केवल अतिशबाजी के प्रदर्शन में थोड़ी देरी हुई थी।