पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। महज दो दिन बाद पाकिस्तान में आम चुनाव होंगे। तमाम राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है। इसी बीच, पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ के खिलाफ चुनाव लड़ रही पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ समर्थित एक महिला उम्मीदवार यास्मीन राशिद को आंतकवाद के एक मामले में दोषी ठहराया गया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पुलिस अधिकारियों ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। बता दें पीटीआई समर्थित उम्मीदवार डॉ. यास्मीन राशिद लाहौर में तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं।
पीटीआई का आरोप पीएमएल-एन के इशारे पर रोका जा रहा
गौरतलब है कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान की पार्टी को उसके चुनाव चिन्ह ‘बल्ले’ से वंचित करने के पाकिस्तान चुनाव आयोग के फैसले को बरकरार रखा था। जिसके बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के उम्मीदवार आठ फरवरी को स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हैं। विरोधियों का आरोप है कि पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों को जानबूझकर चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है। स्वतंत्र उम्मीदवारों को निर्वाचन क्षेत्रों में प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। विरोधियों का आरोप है कि पीएमएल-एन के इशारे पर पाकिस्तान की सैन्य कर्मी यह काम कर रही है।
क्या है मामला
पिछले साल नौ मई को लाहौर में पुलिस स्टेशन पर हमला करने से जुड़े एक मामले में आतंकवाद विरोधी अदालत ने मंगलवार को यास्मीन राशिद को दोषी ठहराया है। इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा के दौरान कई पीटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा रावलपिंडी में सेना मुख्यालय और फैसलाबाद में आईएसआई भवन समेत कई सैन्य और राज्य भवनों को आग लगा दी गई थी। बता दें यास्मीन राशिद पिछले मई से जेल में हैं और उनकी पार्टी के समर्थक घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं। पीटीआई का आरोप है कि पुलिस बेवजह पूरे प्रांत में पार्टी नेताओं और समर्थकों के घरों पर छापेमारी कर रहा है। वहीं दूसरी ओर, लाहौर में पुलिस ने जेल में बंद उम्मीदवार आलिया हमजा के मुख्य चुनाव कार्यालय को सील कर दिया, जो लाहौर के पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शहबाज के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।