सरकार की ओर से गुणवत्ता को नियंत्रित करने से जुड़े आदेश (QCOs) एमएसएमई को अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए हैं। इससे उन्हें घटिया सामानों के आयात में कटौती करने में मदद मिलेगी। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि इन आदेशों के जरिए सरकार छोटे और मंझोले उद्योगों की मदद कर रते हैं। उन्होंने कहा, “हम एमएसएमई को क्यूसीडी की जरूरतों को पूरा करने के लिए समय दे रहे हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गुणवत्ता को नियंत्रित करने से जुड़े आदेशों से छोटे व मंझोले उद्योगों को फायदा मिलेगा। ये आदेश उन्हें देश के बाहर से गलत कीमत पर कम गुणवत्ता वाली वस्तुओं के आयात से रोकते हैं। इस तरह ये आदेश एमएसएमई सेक्टर को अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाते हैं। केंद्रीय मंत्री ने साथ में यह भी कहा कि एमएसएमई को केवल एक छोटे उद्यम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
गोयल ने कहा कि बड़े उद्योगों और व्यवसायों के आसपास के पूरे इकोसिस्टम में हजारों एमएसएमई काम कर रहे हैं। उनके बिना ये बड़े उद्योग सफल नहीं हो सकते। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एमएसएमई बड़े उद्योगों और व्यवसायों के लिए आपूर्तिकर्ता और ग्राहक भूमिका में कार्य करते हैं। एमएसएमई देश के पर्यटन और आधारभूत संरचना क्षेत्र के विकास में भी अहम भूमिका में हैं। देश के निर्यात में भी उनका बड़ा हिस्सा है। उन्होंने कहा आज कई एसएमई ने अपने व्यवसायों को बीएसई पर पंजीकृत कराया है।
QCO जरिए सरकार ऐसे वस्तुओं के उत्पादन, बिक्री, व्यापार, आयात और भंडारण पर पाबंदी लगाती है, जिनके पास भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) मार्क ना हो। ये आदेश स्मार्ट मीटर, नट, बोल्ट और फास्टनर के लिए जारी किए गए हैं। QCO को जारी करने का मकसद कम गुणवत्तापूर्ण वाले उत्पादों के आयात में कटौती करना है, ताकि ग्राहकों और पर्यावरण का कल्याण व सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।