क्वाड के आतंकरोधी वर्किंग ग्रुप की बैठक अमेरिका के होनोलुलु में आयोजित हुई। इस बैठक में हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में बढ़ रही आतंकी घटनाओं के खिलाफ रणनीति बनाई गई। हवाई के होनोलुलु में यह बैठक 19-21 दिसंबर तक आयोजित हुई, जिसमें हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में बढ़ रहीं आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए सहयोग बढ़ाने पर फोकस किया गया। चर्चा के दौरान नए उभर रहे आतंकी खतरों, क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए मैकेनिज्म तैयार करने और आतंकियों के इमर्जिंग तकनीक के इस्तेमाल से रोकने के लिए रणनीति बनाई गई। अमेरिका के विदेश विभाग ने यह जानकारी दी है।
हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे क्वाड देश
क्वाड एक अनौपचारिक रणनीतिक फोरम है, जिसके सदस्य देशों में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत शामिल हैं। क्वाड के गठन का उद्देश्य मुक्त, समृद्ध और समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र बनाना है। क्वाड का गठन साल 2007 में किया गया था, जिसके बाद से क्वाड के सदस्य देशों के प्रतिनिधि समय-समय पर मिलते रहते हैं। चीन इसका विरोध करता रहता है। दरअसल चीन का ऐसा मानना है कि क्वाड का गठन उसके खिलाफ एकजुटता के लिए किया गया है। दरअसल साल 2010 में अमेरिका और चीन के बीच हिंद प्रशांत क्षेत्र में तनाव पैदा हुआ था। इसके बाद अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाया। साल 2012 में जापान के तत्कालीन पीएम ने चार लोकतांत्रिक देशों अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया के गठबंधन वाले समूह की बात कही और साल 2017 में क्वाड की पहली आधिकारिक बैठक हुई।
आतंकवाद के खिलाफ साथ आए क्वाड देश
बीते मार्च में इस समूह ने आतंकवाद से निपटने के लिए भी क्वाड के काउंटर टेरेरिज्म वर्किंग ग्रुप के गठन का फैसला किया था। सहयोग के तहत क्वाड के सदस्य देश हिंसक कट्टरवाद और छद्म आतंकवाद के खिलाफ काम करेंगे और साथ ही जरूरत पड़ने पर एक दूसरे को लॉजिस्टिक, आर्थिक और सैन्य मदद भी देंगे। बता दें कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में समुद्री डाकुओं का खौफ काफी बढ़ा है। बीते दिनों भी एक मालवाहक जहाज को समुद्री डाकुओं ने अगवा कर लिया था। इसके खिलाफ भारत और अन्य देशों की नौसेनाओं ने समन्वित तरीके से ऑपरेशन चलाया था। क्वाड के सदस्य देश इस सहयोग और समन्वय को बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।