- चंद्रयान 04 का मकसद चंद्रमा पर जीवन की संभावना तलाशना : डॉ प्रकाश चौहान
- एआई में करियर चाहते हैं तो स्टुडेंट्स को करनी चाहिए एडवांस रिसर्च: डॉ उन्नत जैन
- स्मार्ट कॉन्फ्रेंस के समापन मौके पर टेक्निकल सत्र में प्रस्तुत किए गए 70 रिसर्च पेपर्स
- सीसीएसआईटी की त्रिमासिक पत्रिका- कंप्यूटिंग विज़न का भी हुआ लोकार्पण
- कॉन्फ्रेंस थीम प्रो आरके द्विवेदी ने प्रस्तुत की तो आभार डॉ संदीप वर्मा ने जताया
इसरो, हैदराबाद के एनआरएससी निदेशक डॉ प्रकाश चौहान एन अर्थ-मून जर्नी दू चंद्रयान 3 पर बोले, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को वैज्ञानिक भाषा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नहीं, बल्कि कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस या लॉजिकल इंटेलिजेंस कहते हैं। डॉ चौहान बोले, इंटेलिजेंस दो तरह के होते हैं-बायोलॉजिकल या नेचुरल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस या लॉजिकल इंटेलिजेंस। स्टुडेंट्स को चंद्रयान 1 से लेकर चंद्रयान 3 की उतार-चढ़ाव भरी यात्रा की कहानी सुनाते हुए बोले, असफलताएं हमें सफलताओं से अधिक सिखाती हैं, इसलिए हमें जीवन में असफलताओं से डरना नहीं चाहिए।
चंद्रयान 4-लूनर सैंपल रिटर्न मिशन का मकसद 20 किलो मिट्टी पृथ्वी पर लाना है, ताकि चंद्रमा पर जीवन की संभावनाओं को तलाशा जा सके। इसरो के चेयरमैन डॉ सोमनाथ की उड़ान को कोट करते हुए बोले, छोटे शहरों से पासआउट स्टुडेंट्स भी कम मेधावी नहीं होते हैं। नॉलेज इन्हेंसमेंट पर बोले, स्टुडेंट्स ज्ञान को अनलिमिटेड करें। इसके लिए उन्हें दीगर सब्जेक्ट्स के स्टुडेंट्स से दोस्ती करनी चाहिए, ताकि ज्ञान का विस्तार हो सके।
डॉ चौहान तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कॉलेज ऑफ कंप्यूटिंग साइंसेज़ इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी-सीसीएसआईटी की ओर से सिस्टम मॉडलिंग एंड एडवांसमेंट इन रिसर्च ट्रेंड्स-स्मार्ट 2023 पर 12वीं अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के समापन मौके पर बतौर मुख्य अतिथि ऑफलाइन बोल रहे थे। इससे पूर्व ऑडी में आयोजित स्मार्ट कॉन्फ्रेंस का शुभारम्भ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के संग हुआ।
दूसरे दिन उद्घाटन सत्र के दौरान इसरो, हैदराबाद के एनआरएससी निदेशक डॉ प्रकाश चौहान, मेटा, पिट्सबर्ग, यूनाइटेड स्टेट के एफएआईआर-फंडामेंटल एआई शोधकर्ता डॉ उन्नत जैन बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर, आईईईई यूपी सेक्शन के आला अधिकारी डॉ केसी मिश्रा, डॉ सतीश कुमार सिंह, डॉ वरुण केआर कक्कड़ के संग-संग कॉन्फ्रेंस जनरल चेयर एवं एफओई एंड सीसीएसआईटी के निदेशक प्रो राकेश कुमार द्विवेदी, सीसीएसआईटी के वाइस प्रिंसिपल डॉ आशेन्द्र कुमार सक्सेना, विभागाध्यक्ष डॉ शंभू भारद्वाज आदि की मौजूदगी रही।
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कॉन्फ्रेंस थीम और वेलकम स्पीच सीसीएसआईटी के निदेशक प्रो द्विवेदी ने प्रस्तुत की, जबकि अंत में मेहमानों का आभार डॉ संदीप वर्मा ने व्यक्त किया। कॉन्फ्रेंस में सूचना सुरक्षा एवं इंजीनियरिंग, उभरती तकनीकी, ब्लॉक चेन प्रौद्योगिकी, उद्योग 4.0, शिक्षा 4.0, सिस्टम मॉडलिंग और डिज़ाइन कार्यान्वयन उपकरण, पावर, ऊर्जा और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, लार्ज लर्निंग मॉडल जैसे विभिन्न विषयों पर दुनिया भर के आईटी विशेषज्ञों ने अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
सालाना यह कॉन्फ्रेंस सीसीएसआईटी और आईईईई यूपी अनुभाग के साथ तकनीकी सह-प्रायोजन में संयुक्त रूप से ब्लेंडेड मोड में हुई। इससे पूर्व सभी मंचासीन मेहमानों का बुके देकर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अंत में मेहमानों को स्मृति चिन्ह भी भेंट किए गए। इस मौके पर सीसीएसआईटी की पत्रिका-कंप्यूटिंग विज़न का भी लोकार्पण हुआ। दूसरी ओर टेक्निकल सत्र में 70 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। संचालन फैकल्टीज़ डॉ प्रियांक सिंघल और डॉ शालिनी जेड निनोरिया ने किया।
मेटा, पिट्सबर्ग, यूनाइटेड स्टेट के एफएआईआर-फंडामेंटल एआई शोधकर्ता डॉ उन्नत जैन डीमिस्टीफाइंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड हायर स्टडीज पर बोले, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दो साइड्स होती हैं-सिम्बॉलिक अर्थात साइंस और हुमानोइड अर्थात बुजज़वर्ड। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का निर्माण दो मुख्य भागों-न्यूरल नेटवर्क अर्थात डीप लर्निंग और फायर टूनिंग अर्थात ट्रेंड लर्निंग से मिलकर हुआ है। यदि स्टुडेंट्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो स्टुडेंट्स को एडवांस रिसर्च करनी चाहिए।
अंत में उन्होंने, अपने चार प्रश्नों-एआई स्टडी की अप्प्रोचिंग, एआई पर रिसर्च कैसे करें, एआई पर पीजी कब करें और पीएचडी कब करें के संग स्टुडेंट्स के साथ इंटरैक्शन किया। सवाल-जवाब का दौर भी चला। टीएमयू के रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा ऑनलाइन बोले, यह स्मार्ट कांफ्रेंस-2023 राष्ट्र की तकनीकी ग्रोथ में मील का पत्थर साबित होगी।
रिसर्च स्कॉलर्स एवं स्टुडेंट्स को एक नई दिशा प्रदान करेगी। अंत में उन्होंने सभी का धन्यवाद दिया। समापन सत्र में डॉ प्रभाकर तिवारी ने एडवेंट ऑफ कटिंग एज टेक्नोलॉजी इंपॉवर दू एक्सट्रेक्ट वेस्ट डाटा सेट और श्रीमान सदेकुर रेहमान ने अनलॉकिंग द पावर ऑफ़ लार्ज लैंग्वेज मॉडल पर विषयों पर ऑनलाइन व्याख्यान दिए।
कॉन्फ्रेंस में डॉ शशि मल्होत्रा, डॉ पराग अग्रवाल, डॉ रंजना शर्मा, डॉ विवेक कुमार, डॉ नूपाराम चौहान, अमित शर्मा, डॉ मुदित सक्सेना, मिस रूहेला नाज़, विनीत सक्सेना, नीरज कुमारी, नवनीत विश्नोई, नवनीत विश्नोई सेकेंड, मिस हिना हाशमी, मिस शिखा गंभीर, रूपल गुप्ता, ज्योति रंजन लाभ, अजय चक्रवर्ती, अभिलाष कुमार, प्रदीप कुमार शाह, मोहन विशाल गुप्ता, आदित्य जैन, मनोज गुप्ता आदि की मौजूदगी रही।
इस मौके पर स्टुडेंट्स लीजा चौहान, सत्ती कौर, इशिका जैन, सौम्या चंद्रवंशी, यशी यादव, अनुष्का रस्तोगी, रिदिमा, दिव्यांशी बिष्ट, राधिका मित्तल, आयुष, अयाज़, सलीम, कम्बर, पार्थ, अभिनव जैन, यूसुफ, इशिका सिंह, वैष्णवी, रिमझिम आदि ने गणेश वंदना पर नृत्य की आस्थामय प्रस्तुति दी। साथ ही सिया राम गीत पर भी मनमोहक प्रस्तुति दी।