लखनऊ। रालोद के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्र ने आज भारत के सबसे बडे बैंक स्टेट बैंक आफ इण्डिया की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुये आरोप लगाया कि जिस तत्परता से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से जालसाजी से निकाले गये 6 लाख रूपये स्टेट बैंक द्वारा वापस उनके खाते में जमा करा दिये गये क्या उतनी ही तत्परता या उसकी आधी तत्परता से आज तक किसी सामान्य नागरिक के खाते से निकाले गये रूपये एसबीआई ने वापस कराये हैं!
आम जनता किस प्रकार जीवन भर खप कर कुछ हजार या लाख रूपये अपने बचत खाते में बचा-2 कर जमा करता है और जालसाज वह पैसे बैंको की टेक्टिनकल कमजोरी के कारण उनके खाते से निकाल लेते हैं। और खाताधारक जीवन भर की कमाई गंवा कर थाने और बैंको के चक्कर काटते रहते हैं। सालों तक उनके पैसे उन्हें वापस नहीं मिलते जबकि ट्रस्ट के सम्बन्ध में ऐसा नहीं हुआ और बैंक ने तत्परता दिखाते हुये बिना रिकवर किये ही वह पैसा ट्रस्ट के खाते में जमा करा दिया।
हड़पा गया धन रिकवर करने के बाद भी!
इससे दो सन्देंहों का जन्म होता है प्रथम बैंक यदि चाहे तो पैसा तत्काल रिकवर करा सकता है और उपभोक्ता को उसका पैसा तत्काल वापस प्राप्त हो सकता है। कानून सक्षम समर्थ के लिए दूसरा है और सामान्य जन के लिए दूसरा है। यह जांच का विषय है कहीं ऐसा तो नहीं बैंकों के द्वारा जालसाज़ों द्वारा हड़पा गया धन रिकवर करने के बाद भी उन्हें वापस न किया जा रहा हो!