लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने महोबा के इन्द्रकान्त त्रिपाठी हत्याकांड की जांच माननयीय उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायधीश से कराने की मांग करते हुये कहा कि सरकार आरोपित जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान पर प्रभावी और तात्कालिक कार्यवाही करने में इतनी ढिलाई क्यों दिखा रही है? जबकि वायरल वीडियो तथा स्थानीय साक्ष्यों के आधार पर तत्कालीन एसपी और थानेदारों को जेल में होना चाहिये।
आज जारी बयान में श्री दुबे ने कहा कि इस स्पष्ट हत्याकांड में सरकार द्वारा एसआईटी गठित करने से सरकार की मंशा पर सवालिया निशान उठ रहे हैं, एक तरफ तो सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कर रही है दूसरी तरफ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी गठित कर घटना की जांच कराना चाहती है।
उन्होंने कहा कि एक आइपीएस दूसरे आइपीएस की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकता है, साथ ही अनावश्यक विलम्ब से साक्ष्यों को भी मिटाने अथवा कमजोर करने का कुचक्र रचने की सम्भावना है। श्री दुबे ने कहा कि इस जघन्य हत्याकांड की जाँच माननीय उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति द्वारा कराने से अपराधियों की कलई खुल जायेगी और पीडि़त परिवार को इन्साफ मिल सकेगा।