बरेली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सांसद असदुद्दीन ओवैसी की ओर से बरेली के जिला जज न्यायालय से जारी समन का कोई जवाब नहीं दिया गया। मंगलवार को दोनों नेताओं के खिलाफ दायर रिवीजन याचिकाओं को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या दो में स्थानांतरित कर दिया गया। साथ ही दूसरा समन जारी कर कोर्ट ने राहुल गांधी को 18 जनवरी और असदुद्दीन ओवैसी को 19 जनवरी को याचिका पर सुनवाई के दौरान पेश होने के आदेश दिए हैं।
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राहुल के खिलाफ यह है मामला
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर बयान दिया था। हिंदूवादी संगठनों की ओर से इसका तीखा विरोध हुआ था। इसी मामले में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के मंडल अध्यक्ष पंकज पाठक की ओर से बरेली के कोर्ट में अर्जी दी गई थी। एमपी-एमएलए कोर्ट ने उस वक्त अर्जी को खारिज कर दिया था। इस आदेश के संबंध में पंकज पाठक ने जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील कर दी।
मामले का संज्ञान लेते हुए सत्र न्यायालय ने वाद दायर कर सुनवाई के लिए सात जनवरी 2025 की तिथि निर्धारित की। न्यायालय ने नोटिस जारी कर राहुल गांधी को पेश होने का आदेश भी दिया। लेकिन, राहुल गांधी न पेश हुए और न ही उनकी तरफ से कोई जवाब आया। इस पर कोर्ट से दूसरा समन जारी किया गया है।
जय फलस्तीन बोलने पर ओवैसी के खिलाफ याचिका
बीते वर्ष लोकसभा चुनाव के बाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में शपथ लेने के बाद जय फलस्तीन का नारा लगाया था। इसके बाद अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता की ओर से अवर न्यायालय में असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ याचिका दायर की गई थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद अधिवक्ता ने पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। जिला जज की अदालत ने पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार करते हुए सांसद असदुद्दीन ओवैसी को सात जनवरी को हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किया था। ओवैसी की तरफ से भी कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। इस पर कोर्ट ने 19 जनवरी को पेश होने के आदेश दिए हैं।