एक तरफ कोरोना वायरस से जंग जारी है दूसरी तरफ सुपर साइक्लोन अम्फान भारतीय तटों पर टकराने वाला है. अम्फान के मद्देनजर जहां कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल मीटिंग की वहीं आज एनडीआरआफ चीफ एस एन प्रधान ने प्रेस कांफ्रेंस कर राहत कार्यों की जानकारी दी. प्रधान ने बताया कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब हम दोहरी आपदा से लड़ रहे हैं.
पश्चिम बंगाल में अम्फान महाचक्रवात के करीब पहुंचने से पहले करीब 3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करा दिया गया है. महाचक्रवात अम्फान के ओडिशा तटों के करीब पहुंचने के साथ ही कुछ हिस्सों में बारिश शुरू हो चुकी है जबकि राज्य सरकार ने संवेदनशील एवं निचले इलाकों को खाली कराने के प्रयास तेज कर दिए हैं.
आर्मी, एयर फोर्स के साथ एनडीआरएफ को अलर्ट किया गया है. प्रधान के मुताबिक सुपर साइक्लोन अम्फान साइक्लोन फोनी साइक्लोन के बराबर है. कल किसी भी वक्त यह दस्तक दे सकता है. अगर ये तूफान ज्यादा खतरनाक स्थिति में पहुंचता है तो उसके लिए भी तैयारियां पूरी कर ली हैं. एनडीआरएफ की कई टीमें स्टैंडबाई पर रखी गई हैं. ये टीमें बनारस, पुणे, चेन्नई और पटना में हैं.
ये टीमें वहीं हैं जहां पर कि हवाई अड्डे हैं या फिर एयरफोर्स के स्टेशन हैं. अगर जरूरत पड़ेगी तो तुरंत एयरफोर्स के विमान से टीमों को प्रभावित जगहों पर लाया जाएगा. एसएन प्रधान ने बताया कि पश्चिम बंगाल के 6 जिलों में बचाव और निकासी के लिए सभी प्रयास जारी हैं. ओडिशा के बालासोर, भद्रक और केंद्रपाड़ा में एनडीआरएफ सात टीम में तैनात हैं.
शॉर्ट नोटिस पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में हवाई अड्डों को तैयार रखा गया है. पीडि़तों के लिए शेल्टर होम में सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों के साथ तैयार रखा गया है. मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर के निदेशक एच आर विश्वास ने कहा कि सुबह अम्फान का केंद्र पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर था, जो पारादीप (ओडिशा) से करीब 520 किलोमीटर दक्षिण, दीघा से 670 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और बांग्लादेश के खेपुपारा से 800 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है.