लॉकडाउन में रेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए 1 जून से 200 अतिरिक्त श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया है. हालांकि 1 मई से ही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन को हरी झंडी दे दी गई थी, लेकिन ये व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही थी. ऐसे में अब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की संख्या को और बढ़ाया जा रहा है. अब तक कुल 1600 ट्रेनों के माध्यम से लगभग 21.5 लाख श्रमिकों को उनके स्थानों तक पहुंचाया जा चुका है.
श्रमिकों को और राहत देते हुए भारतीय रेल अब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन बढ़ाने जा रहा है. इसके साथ ही राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि जो श्रमिक रास्ते में हैं उन्हें मैन लाइन रेलवे स्टेशन के नजदीक पंजीकृत करें और इसकी लिस्ट रेलवे को दें ताकि स्पेशल ट्रेन से उनको गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जा सके.
इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के अतिरिक्त भारतीय रेल 1 जून से प्रतिदिन 200 अतिरिक्त टाइम टेबल ट्रेनें भी चलाने जा रहा है जो कि गैर वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी की ट्रेन होंगी. इन ट्रेनों की बुकिंग ऑनलाइन ही उपलब्ध होगी. ट्रेनों की सूचना शीघ्र ही उपलब्ध कराई जाएगी. भारतीय रेल ने श्रमिकों से अपील भी की है कि वे धैर्य रखें और अपने स्थान पर ही रहें. भारतीय रेल की ओर से उनको उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए पूरी व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए राज्य सरकारों से उचित समन्वय स्थापित किया जा रहा है.
गौरतलब है कि श्रमिकों और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का मसला सियासी मुद्दा बनता जा रहा था. इसी को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने ये बड़ा फैसला किया है. इस बड़े फैसले के पीछे चुनौतियां भी बड़ी होंगी, क्योंकि लाखों की तादाद में अब मजदूर ट्रेनों में सवार होंगे. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना और सभी की रेलवे स्टेशन पर थर्मल स्कैनिंग करना बड़ी चुनौती होगा.
इन ट्रेनों में उत्तर पश्चिम रेलवे के हिस्से में फिलहाल कितनी ट्रेन आएगी इसका खुलासा एक दो दिन में होगा. फिलहाल 18 मई तक NWR जोन से 62 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें दूसरे राज्यों के लिए रवाना जा चुकी है. उनमें 84,226 मजदूर भेज गए हैं. इसी क्रम में 18 मई तक NWR जोन में 29 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें आ चुकी है. इनमें 33,502 मजदूर राजस्थान वापस लौट चुके हैं.