भारत में पौराणिक कथाओं या ऐतिहासिक घटनाओं पर फिल्में बनती रही हैं लेकिन पौराणिक कहानी को ऐतिहासिक घटनाओं में मिक्स कर पर्दे पर जादू जगाने का हुनर एसएस राजामौली की फिल्मों में ही दिखता है.
फिल्म आरआरआर भी इसी जादू की एक कड़ी है. राजामौली बाहुबली में महाभारत की झलक दिखा चुके हैं. अपनी नई फिल्म आरआरआर में जहां वो ब्रिटिश काल की कहानी सुनाते हैं वहीं रामायण की एक झलक भी दिखाते हैं.
कहानी कुछ यूं है कि राम (रामचरण) ब्रिटिश गर्वनमेंट के समय के पुलिस अफसर हैं. उनका काम क्रांतिकारियों को पकड़कर सजा देना है, हालांकि राम भी एक मकसद से ही यहां हैं. डायरेक्शन की बात करें, तो राजामौली ने एक बार फिर साबित कर दिया है .
अंग्रेजों की हवेली में भीमा का जंगली जानवरों के साथ धावा बोलना, राम और भीमा की आग व पानी के साथ प्रतीकात्मक लड़ाई जैसे सीन्स कोई भी रिवाइन्ड कर दोबारा देखने पर मजबूर हो जाएगा. अजय देवगन यहां राम के पिता बने हैं, जिन्हें खुद राम ने मारा है, वजह जानने के लिए आपको थिएटर जाना होगा.
रामचरण का राम के अवतार में आना और उस अवतार को अंत का पकड़े रखना थोड़ा हजम नहीं होता. फिल्म में सीता बनीं आलिया भट्ट के लिए रोल में कुछ खास नहीं था. हां अजय देवगन की एंट्री देखकर सीटी जरूर बजेगी.